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बिहार चुनाव: लालू यादव और राबड़ी देवी ने अदालत में IRCTC केस की रोज सुनवाई नहीं करने की अर्जी लगाई

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पटना: लालू यादव और राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी केस में प्रतिदिन सुनवाई से छूट मांगी है। उन्होंने कोर्ट से कहा है कि उन्हें अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की तैयारी के लिए 4 हफ़्ते का समय चाहिए। यह मामला आईआरसीटीसी होटलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। कोर्ट ने 13 अक्टूबर को आरोप तय करने के बाद मामले की रोजाना सुनवाई का आदेश दिया था।

पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दिल्ली की एक अदालत में अर्जी दाखिल कर आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार मामले में रोजाना सुनवाई न करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला है। इसलिए वे चाहते हैं कि सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी जाए। यह मामला तब का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे और रांची व पुरी में दो आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर देने में कथित गड़बड़ियां हुई थीं।

कोर्ट ने रोज सुनवाई का आदेश दिया थाअदालत ने 13 अक्टूबर को लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश और अन्य संबंधित धाराओं में आरोप तय किए थे। इसके बाद, दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मामले की रोज़ाना सुनवाई का आदेश दिया था ताकि अभियोजन पक्ष के सबूत दर्ज किए जा सकें।

आरोप है कि 2004-2009 के बीच लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव का काम सुजाता होटल नाम की एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया था। यह कंपनी विजय और विनय कोचर की थी। सीबीआई का आरोप है कि इस सौदे के बदले में लालू यादव को एक बेनामी कंपनी के जरिए तीन एकड़ जमीन मिली थी।

लालू,राबड़ी और तेजस्वी सहित 14 आरोपी इस मामले में सीबीआई ने 7 जुलाई 2017 को लालू यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने पटना, नई दिल्ली, रांची और गुड़गांव में लालू और उनके परिवार से जुड़े 12 ठिकानों पर छापे भी मारे थे। अप्रैल 2018 में चार्जशीट दाखिल की गई थी। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120B (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और 13(1)(d) के तहत मामला दर्ज किया है।

अदालत ने सभी 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार पाया था। लालू यादव ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप हैं। उन्होंने भी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वे मुकदमे का सामना करेंगे।

जिरह के लिए तैयारी करने को समय चाहिए आरोपियों विजय और विनय कोचर के वकील ने भी अदालत से गुहार लगाई कि अभियोजन पक्ष के सबूत 17 नवंबर के बाद किसी भी तारीख को दर्ज किए जाएं। अदालत ने अपने 27 अक्टूबर के आदेश में कहा कि आरोप तय होने और गवाही शुरू होने के बीच कम समय होने के कारण, वकीलों को अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह की तैयारी के लिए पर्याप्त समय चाहिए। अदालत ने यह भी नोट किया कि आरोप तय करने के आदेश का भी विस्तार से अध्ययन करना होगा ताकि प्रभावी जिरह हो सके।

सीबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डीपी सिंह और मनु मिश्रा ने इन दलीलों का विरोध किया। उन्होंने अदालत से कहा कि गवाही आज ही शुरू की जाए। हालांकि, अदालत ने माना कि चूंकि कुछ गवाह दिल्ली से बाहर के हैं और आज मौजूद हैं, इसलिए उन्हें मुख्य परीक्षण के लिए पेश करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष के गवाह सुदिप्ता नंदी की मुख्य परीक्षा दर्ज की।

अदालत ने धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार से संबंधित अपराधों के तहत विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए हैं। हालांकि सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश का आरोप समान है।
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