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जवान की दौड़ते हुए हार्ट अटैक से मौत, उत्तराखंड में तैनात थे राजस्थान के रामचंद्र, शोक में डूबा गांव

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सीकर: राजस्थान के सीकर जिले से फिर हार्ट अटैक से मौत की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सीकर का एक होनहार और सेना का जवान रामचंद्र सैनी उत्तराखंड में ड्यूटी के दौरान दौड़ते हुए मौत की गोद में चला गया। 42 वर्षीय जवान को हार्ट अटैक आया और वह वहीं ढेर हो गया। लेकिन... इस दर्दनाक खबर से सीकर के पाटन गांव में जैसे भूचाल आ गया। गांव वालों ने जवान को "शहीद" दर्जा दिलवाने और मौत की जांच की मांग को लेकर थाने से लेकर स्टेट हाईवे तक जाम लगा दिया। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि मुख्य बाजार बंद, सड़कों पर हंगामा, प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए!



बीआरओ में तैनात थे जवान, सुबह दौड़ते वक्त आया अटैक

उत्तराखंड के बुंदेला में जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स 66 यूनिट में तैनात जवान रामचंद्र सैनी शनिवार सुबह नियमित दौड़ में भाग ले रहे थे कि अचानक उन्हें हार्ट अटैक आया और वह सड़क पर ही गिर पड़े। साथी जवान तुरंत उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।




गांव में जैसे ही पहुंची खबर, मच गया कोहराम

रविवार सुबह जैसे ही जवान की पार्थिव देह पाटन थाने लाई गई, गांव का माहौल पूरी तरह बदल गया। गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने थाने के सामने धरना दे दिया और कहा कि जब तक शहीद का दर्जा, सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि और मौत की उच्च स्तरीय जांच का वादा नहीं मिलता, वे शांत नहीं बैठेंगे।



बवाल इतना बढ़ा कि दो जगहों पर लगाया गया जाम

सुबह 10 बजे पाटन थाने के सामने जाम लगाया गया। फिर नवोदय स्कूल के पास बाइपास रोड और राजपुरा के स्टेट हाईवे पर भी जाम लगाकर आवाजाही ठप कर दी दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें, प्रशासन भी सकते में आया गया। इधर, मुख्य बाजार बंद कर दिया और व्यापारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में उतर आएं।



अंतत: प्रशासन को माननी पड़ी मांगें, फिर खुला जाम

लगातार चार घंटे तक चला धरना। पाटन तहसीलदार सुभाष चंद्र, नायब तहसीलदार भौम सिंह और कई स्थानीय नेता मौके पर पहुंचे। कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों को समझाया गया और राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि का वादा किया गया। इसके बाद धरना समाप्त हुआ।



तिरंगे में लिपटी देह, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई

शाम को पाटन थाने से जवान की पार्थिव देह को 2 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा में धांधेला गांव ले जाया गया। वहां राजस्थान पुलिस की टीम ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और बेटे रौनक ने पिता को मुखाग्नि दी। वातावरण गमगीन, आंखें नम और हर चेहरा गर्व से भरा हुआ।



मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल, तीन मासूम बच्चों के सिर से उठा साया

जवान की मां बनारसी देवी और पत्नी गुलाबी देवी का हाल बेहाल रहा। रामचंद्र के दो बेटियां खुशबू और मीनू तथा एक बेटा रौनक है। परिवार सदमे में है।



तीन दिन में सीकर में दूसरी हार्ट अटैक से मौत!

ध्यान देने वाली बात ये है कि तीन दिन पहले ही सीकर के दांतारामगढ़ में 9 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी। स्कूल में टिफिन खोलते वक्त गिर पड़ी थी और अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।



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