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Choti Diwali 2024 Puja Muhurat : आज छोटी दिवाली पूजा के लिए महज कुछ ही घंटों का शुभ मुहूर्त, जानें पूजा विधि और शुभ समय

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कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली और रूप चौदस के नाम से जाना जाता है। आज देशभर में छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। इस बार छोटी दिवाली का पर्व पर कई शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में शाम के समय शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आपको दोगुना लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं छोटी दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त। छोटी दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Choti Diwali 2024 Puja Shubh Muhurat)आज कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 30 अक्टूबर बुधवार के दिन दोपहर में 1 बजकर 4 मिनट से होगा और इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 11 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार, पूजा के लिए आज शाम में तीन शुभ मुहूर्त है।
  • लाभ चौघड़िया शाम में 4 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 37 मिनट तक।
  • इसके बाद शुभ चौघड़िया शाम में 7 बजकर 14 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक।
  • अमृत चौघड़िया रात में 8 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट तक।
छोटी दिवाली पूजा विधि
  • छोटी दिवाली के दिन सुबह के समय तिल का तेल लगा कर स्नान करने से भगवान कृष्ण की कृपा से रूप और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन भगवान कृष्ण, यम देवता और हनुमानजी की पूजा अर्चना की जाती है।
  • इस दिन सुबह स्नान आदि के बाद हनुमानजी का पूजन करें। सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं इसके बाद हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना करें।
  • फिर एक जल का लोटा भरकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। फिर हनुमान जी को हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करें।
  • सबसे पहले भगवान कृष्ण की प्रतिमा को तिलक लगाएं और फिर भगवान कृष्ण की आरती करें और अंत में उन्हें भी भोग लगाएं।
  • इसके अलावा शाम के समय भी घर में पूजा करें और रात के समय घर के बाहर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके एक तेल का दीपक यम देवता के नाम से जलाएं।
छोटी दिवाली का महत्वछोटी दिवाली को लेकर कई अलग-अलग मान्यताएं हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के असुर का वध करके 16000 महिलाओं को उसके अत्याचारों से तीनों लोकों को मुक्ति दिलाई थी।इसके अलावा सौंदर्य प्राप्ति, आयु और बल की प्राप्ति का दिन माना जाता है। दरअसल, इस दिन हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।
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