शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में तेजाब हमले की पीड़िता को 28 वर्ष बाद सरकार की ओर से पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिली है। घटना 28 अक्टूबर 1997 की है, जब पीड़िता 15 वर्ष की थी। सदर बाजार थाना क्षेत्र के अंटा इलाके के निवासी पप्पू से उसने शादी करने से इनकार कर दिया था। विवाह रद्द होने से नाराज पप्पू ने उसके चेहरे पर तेजाब डाल दिया था। पुलिस ने आरोपी को कुछ ही दिनों बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
तेजाब हमले की पीड़ित महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था ' ब्रेव सोल्स फाउंडेशन ' की संस्थापक शाहीन मलिक ने शनिवार को मीडिया को बताया कि तेजाब हमले में लड़की का चेहरा पूरी तरह झुलस गया था। उन्होंने बताया कि पीड़िता आज भी तकलीफ और मानसिक पीड़ा झेल रही है।
पिता की सारी संपत्ति इलाज में खर्चमहंगे ऑपरेशन, आर्थिक तंगी और अकेलेपन के बीच उसकी जिंदगी बीती है। शाहीन मलिक ने कहा कि पीड़िता के दर्जी पिता ने अपनी सारी संपत्ति उसके इलाज पर खर्च कर दी। बाद में लोगों से चंदा लेकर भी इलाज कराया, लेकिन बाद में उनका निधन हो गया। बाद में उसकी मां का भी निधन हो गया, जिससे वह अकेली रह गई। खुद तेजाब हमले से पीड़ित रह चुकी शाहीन मलिक ने बताया कि संगठन ने पिछले वर्ष इस मामले को उठाया और सरकारी सहायता के लिए प्रयास शुरू किए। उन्होंने कहा, 'कई पत्राचार और बैठकों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महीने चार लाख और केंद्र सरकार ने एक लाख रुपये की मदद जारी की।
28 साल बाद सिर्फ पांच लाख की मदद'ब्रेव सोल्स फाउंडेशन' की संस्थापक शाहीन मलिक ने बताया कि पीड़िता का इलाज जारी है ताकि भविष्य में कैंसर जैसी जटिलताएं न उत्पन्न हों। शाहीन मलिक ने पीड़िता की दशकों पुरानी स्थिति जानने के बावजूद जिला प्रशासन की निष्क्रियता की आलोचना की और कहा, '28 साल बाद भी उसे सिर्फ पांच लाख रुपये मिले हैं।
हम 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग को लेकर उच्च न्यायालय जाएंगे। जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्रा ने पुष्टि की कि यह राशि 2014 में शुरू की गई 'रानी लक्ष्मीबाई महिला और बाल कल्याण योजना' के तहत दी गई है। उन्होंने कहा कि पीड़िता को इस वित्तीय वर्ष में चार लाख और पिछले वर्ष एक लाख रुपये दिए गए हैं।
तेजाब हमले की पीड़ित महिलाओं के लिए काम करने वाली संस्था ' ब्रेव सोल्स फाउंडेशन ' की संस्थापक शाहीन मलिक ने शनिवार को मीडिया को बताया कि तेजाब हमले में लड़की का चेहरा पूरी तरह झुलस गया था। उन्होंने बताया कि पीड़िता आज भी तकलीफ और मानसिक पीड़ा झेल रही है।
पिता की सारी संपत्ति इलाज में खर्चमहंगे ऑपरेशन, आर्थिक तंगी और अकेलेपन के बीच उसकी जिंदगी बीती है। शाहीन मलिक ने कहा कि पीड़िता के दर्जी पिता ने अपनी सारी संपत्ति उसके इलाज पर खर्च कर दी। बाद में लोगों से चंदा लेकर भी इलाज कराया, लेकिन बाद में उनका निधन हो गया। बाद में उसकी मां का भी निधन हो गया, जिससे वह अकेली रह गई। खुद तेजाब हमले से पीड़ित रह चुकी शाहीन मलिक ने बताया कि संगठन ने पिछले वर्ष इस मामले को उठाया और सरकारी सहायता के लिए प्रयास शुरू किए। उन्होंने कहा, 'कई पत्राचार और बैठकों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस महीने चार लाख और केंद्र सरकार ने एक लाख रुपये की मदद जारी की।
28 साल बाद सिर्फ पांच लाख की मदद'ब्रेव सोल्स फाउंडेशन' की संस्थापक शाहीन मलिक ने बताया कि पीड़िता का इलाज जारी है ताकि भविष्य में कैंसर जैसी जटिलताएं न उत्पन्न हों। शाहीन मलिक ने पीड़िता की दशकों पुरानी स्थिति जानने के बावजूद जिला प्रशासन की निष्क्रियता की आलोचना की और कहा, '28 साल बाद भी उसे सिर्फ पांच लाख रुपये मिले हैं।
हम 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग को लेकर उच्च न्यायालय जाएंगे। जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्रा ने पुष्टि की कि यह राशि 2014 में शुरू की गई 'रानी लक्ष्मीबाई महिला और बाल कल्याण योजना' के तहत दी गई है। उन्होंने कहा कि पीड़िता को इस वित्तीय वर्ष में चार लाख और पिछले वर्ष एक लाख रुपये दिए गए हैं।
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