नई दिल्ली: कुछ बैंक अब भी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर 8.05% तक का ब्याज दे रहे हैं। यह ऑफर सामान्य नागरिकों (60 साल से कम उम्र वालों) के लिए है और यह पांच साल की एफडी पर अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक डिपॉजिट पर मिल रहा है। अगर आप भी ऐसे बैंकों के बारे में जानना चाहते हैं जो सामान्य नागरिकों को FD पर 8.05% तक का ब्याज दे रहे हैं, तो नीचे दी गई जानकारी आपके काम आ सकती है।
8.05% तक FD ब्याज देने वाले बैंक:
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंकसामान्य नागरिकों को पांच साल की FD पर 8.05% का ब्याज दे रहा है। इसी तरह जन स्मॉल फाइनेंस बैंक सामान्य नागरिकों को पांच साल की FD पर 8% का ब्याज दे रहा है। यह जानकारी 6 नवंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार है।उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक सामान्य नागरिकों को पांच साल की FD पर 7.25% तक का ब्याज दे रहा है। स्मॉल फाइनेंस बैंकों में जमा की गई राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा 5 लाख रुपये तक बीमित होती है।
हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्मॉल फाइनेंस बैंकों की FD में निवेश करते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। इन बैंकों का बिजनेस मॉडल थोड़ा अलग होता है, इसलिए इनमें निवेश का जोखिम सामान्य बैंकों की तुलना में थोड़ा अलग हो सकता है। इस जोखिम को कम करने के लिए, यह सलाह दी जाती है कि आप स्मॉल फाइनेंस बैंकों की FD में उतना ही पैसा निवेश करें जितना DICGC के बीमा कवर के दायरे में आता हो। इससे किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में आपके मूलधन और ब्याज की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
बैंक FD पर TDS कब कटता है?बैंकों को तब टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) काटना पड़ता है जब किसी एक बैंक में आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से मिलने वाला ब्याज 1 लाख रुपये से ज्यादा हो जाता है। TDS कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं है। आप इसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय वापस ले सकते हैं या अपने कुल टैक्स देनदारी के मुकाबले एडजस्ट कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर आप टैक्स रिफंड के हकदार हैं, तो आपको उस रिफंड पर ब्याज भी मिल सकता है।
अगर आपकी कुल इनकम 11 लाख रुपये है, तो वित्त वर्ष 2025-26 के नए टैक्स रिजीम के तहत सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली टैक्स छूट के कारण आपको कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा। नए टैक्स रिजीम में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सेक्शन 87A की टैक्स छूट 12 लाख रुपये तक की इनकम पर लागू होती है।
फॉर्म 15G
आप TDS से बचने के लिए फॉर्म 15G भी जमा कर सकते हैं। Nangia & Co LLP की कंसल्टेंट नीतू ब्रह्मा बताती हैं कि फॉर्म 15G जमा करने के लिए, दोनों शर्तें पूरी होनी चाहिए। वित्त वर्ष के लिए आपकी कुल टैक्स देनदारी शून्य (NIL) होनी चाहिए। साथ ही जिस इनकम पर आप TDS नहीं कटवाना चाहते हैं, उसकी कुल राशि बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट पुराने टैक्स रिजीम के तहत 2,50,000 रुपये और नए टैक्स रिजीम के तहत 4,00,000 रुपये है।
टैक्स2विन के को-फाउंडर और चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक सोनी बताते हैं कि असेसमेंट ईयर 2026-27 के लिए नए टैक्स रिजीम के तहत बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट 4 लाख रुपये है। ऐसे व्यक्ति जिनकी इनकम 12 लाख रुपये तक है, वे सेक्शन 87A के तहत छूट का दावा कर सकते हैं, लेकिन केवल तभी जब उनकी कुल टैक्सेबल आय पर कोई टैक्स न लगे। हालांकि अगर आपकी कुल आय 12 लाख रुपये है, तो आपको टैक्स देना ही पड़ेगा। इससे आप फॉर्म 15G जमा करने के योग्य नहीं रहेंगे। चूंकि 12 लाख रुपये बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट (4 लाख रुपये) से काफी ज्यादा है, ऐसे में फॉर्म 15G जमा करना एक झूठा एलान होगा और इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत जुर्माना लग सकता है।
8.05% तक FD ब्याज देने वाले बैंक:
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंकसामान्य नागरिकों को पांच साल की FD पर 8.05% का ब्याज दे रहा है। इसी तरह जन स्मॉल फाइनेंस बैंक सामान्य नागरिकों को पांच साल की FD पर 8% का ब्याज दे रहा है। यह जानकारी 6 नवंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार है।उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक सामान्य नागरिकों को पांच साल की FD पर 7.25% तक का ब्याज दे रहा है। स्मॉल फाइनेंस बैंकों में जमा की गई राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा 5 लाख रुपये तक बीमित होती है।
हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्मॉल फाइनेंस बैंकों की FD में निवेश करते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। इन बैंकों का बिजनेस मॉडल थोड़ा अलग होता है, इसलिए इनमें निवेश का जोखिम सामान्य बैंकों की तुलना में थोड़ा अलग हो सकता है। इस जोखिम को कम करने के लिए, यह सलाह दी जाती है कि आप स्मॉल फाइनेंस बैंकों की FD में उतना ही पैसा निवेश करें जितना DICGC के बीमा कवर के दायरे में आता हो। इससे किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में आपके मूलधन और ब्याज की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
बैंक FD पर TDS कब कटता है?बैंकों को तब टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) काटना पड़ता है जब किसी एक बैंक में आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से मिलने वाला ब्याज 1 लाख रुपये से ज्यादा हो जाता है। TDS कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं है। आप इसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय वापस ले सकते हैं या अपने कुल टैक्स देनदारी के मुकाबले एडजस्ट कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर आप टैक्स रिफंड के हकदार हैं, तो आपको उस रिफंड पर ब्याज भी मिल सकता है।
अगर आपकी कुल इनकम 11 लाख रुपये है, तो वित्त वर्ष 2025-26 के नए टैक्स रिजीम के तहत सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली टैक्स छूट के कारण आपको कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा। नए टैक्स रिजीम में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सेक्शन 87A की टैक्स छूट 12 लाख रुपये तक की इनकम पर लागू होती है।
फॉर्म 15G
आप TDS से बचने के लिए फॉर्म 15G भी जमा कर सकते हैं। Nangia & Co LLP की कंसल्टेंट नीतू ब्रह्मा बताती हैं कि फॉर्म 15G जमा करने के लिए, दोनों शर्तें पूरी होनी चाहिए। वित्त वर्ष के लिए आपकी कुल टैक्स देनदारी शून्य (NIL) होनी चाहिए। साथ ही जिस इनकम पर आप TDS नहीं कटवाना चाहते हैं, उसकी कुल राशि बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट पुराने टैक्स रिजीम के तहत 2,50,000 रुपये और नए टैक्स रिजीम के तहत 4,00,000 रुपये है।
टैक्स2विन के को-फाउंडर और चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक सोनी बताते हैं कि असेसमेंट ईयर 2026-27 के लिए नए टैक्स रिजीम के तहत बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट 4 लाख रुपये है। ऐसे व्यक्ति जिनकी इनकम 12 लाख रुपये तक है, वे सेक्शन 87A के तहत छूट का दावा कर सकते हैं, लेकिन केवल तभी जब उनकी कुल टैक्सेबल आय पर कोई टैक्स न लगे। हालांकि अगर आपकी कुल आय 12 लाख रुपये है, तो आपको टैक्स देना ही पड़ेगा। इससे आप फॉर्म 15G जमा करने के योग्य नहीं रहेंगे। चूंकि 12 लाख रुपये बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट (4 लाख रुपये) से काफी ज्यादा है, ऐसे में फॉर्म 15G जमा करना एक झूठा एलान होगा और इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत जुर्माना लग सकता है।
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