पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में एक बार फिर विवाद की आहट सुनाई दे रही है। लालू यादव की बेटी और उन्हें किडनी दान कर सुर्खियां बटोर चुकीं रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर तेजस्वी यादव, राजद और परिवार के अन्य सदस्यों को अनफॉलो कर दिया है। इस कदम से राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं कि रोहिणी किसी बड़े फैसले की तैयारी कर रही हैं।
सिर्फ तीन एकाउंट को रखा फॉलो लिस्ट में
रोहिणी आचार्य पहले 61 लोगों को फॉलो कर रही थीं। अब तीन को फॉलो कर रही हैं, जिनमें परिवार का कोई सदस्य नहीं है। रोहिणी किसी भी भाई-बहन या राजद से जुड़े नेताओं को फॉलो न करने को लेकर इसे उनका विरोधी तेवर माना जा रहा है। रोहिणी जिन तीन लोगों को फॉलो कर रही हैं, वो हैं- राहत इंदौरी, समरेश सिंह और द स्ट्रेट्स टाइम्स।
नाराजगी की वजह क्या है?
जानकारी के अनुसार, 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान तेजस्वी यादव की बस में आगे वाली सीट पर संजय यादव बैठे दिखाई दिए थे। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गई थी। अक्सर जब कोई यात्रा निकाली जाती है तो आगे की सीट परंपरागत रूप से सर्वोच्च नेता के लिए होती है। इसी तस्वीर को लेकर पटना निवासी आलोक कुमार ने इस पर फेसबुक पर लिखा था- 'आगे की सीट सदैव शीर्ष नेतृत्व के लिए होती है। यदि कोई स्वयं को उससे बड़ा मानने लगे, तो यह गंभीर संकेत है।' इसी पोस्ट को रोहिणी ने बिना कुछ लिखे अपने पेज से शेयर कर दिया था। इसी के बाद बिहार की सियासत गरम हो गई। हालांकि मामला बिगड़ता देख रोहिणी आचार्य ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए ट्विटर और फेसबुक पर दो पोस्ट की थीं, जिसमें बस में आगे की सीट पर राजद की कोई महिला नेता और अन्य नेता बैठे दिखाई दिए थे।
मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि: रोहिणी
रोहिणी आचार्य ने रविवार को ट्वीट करते हुए अपने मामले पर सफाई देने की कोशिश की। उन्होंने लिखा- 'मेरे संदर्भ में ट्रोलर्स, उद्दंडों, पेड - मीडिया एवं पार्टी हड़पने की कुत्सित मंशा रखने वालों के द्वारा फैलाये जा रहे तमाम अफवाह निराधार और मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा हैं। मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी, न है और ना ही आगे रहेगी, न मुझे खुद विधानसभा का प्रत्याशी बनना है, ना ही किसी को विधानसभा का प्रत्याशी बनवाना है, न राज्यसभा की सदस्य्ता की मेरी कोई आकांक्षा है, न ही परिवार के किसी भी सदस्य से मेरी किसी भी प्रकार की प्रतिद्वंदिता है और ना ही पार्टी या भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार में किसी पद की कोई लालसा है। मेरे लिए मेरा आत्म - सम्मान, मेरे माता - पिता के प्रति सम्मान व समर्पण, मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है।'
इसके पहले रोहिणी आचार्य ने एक दूसरा पोस्ट किया था। इसमें एक वीडियो है। जिसमें रोहिणी स्ट्रेचर पर जाती दिख रही हैं। रोहिणी ने लिखा- 'जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं , बेखौफी - बेबाकी - खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है ..'
लालू परिवार में सामने आए मतभेदयह पहली बार नहीं है जब लालू परिवार में सोशल मीडिया पर मतभेद खुले तौर पर सामने आए हों। बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले ही बगावती तेवर दिखा चुके हैं। उन्होंने भी परिवार और पार्टी के कई नेताओं को अनफॉलो किया था। लालू यादव ने तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। खास बात यह रही कि इस फैसले का समर्थन तेजस्वी यादव, मीसा भारती और रोहिणी आचार्य ने भी किया था।
आगे क्या होगा?
रोहिणी आचार्य के इस कदम से राजद और लालू परिवार के भीतर नई हलचल पैदा हो गई है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि रोहिणी अगला कदम क्या उठाती हैं- क्या वह संगठन से दूरी बनाएंगी या फिर किसी नए मोर्चे की शुरुआत करेंगी।
सिर्फ तीन एकाउंट को रखा फॉलो लिस्ट में
रोहिणी आचार्य पहले 61 लोगों को फॉलो कर रही थीं। अब तीन को फॉलो कर रही हैं, जिनमें परिवार का कोई सदस्य नहीं है। रोहिणी किसी भी भाई-बहन या राजद से जुड़े नेताओं को फॉलो न करने को लेकर इसे उनका विरोधी तेवर माना जा रहा है। रोहिणी जिन तीन लोगों को फॉलो कर रही हैं, वो हैं- राहत इंदौरी, समरेश सिंह और द स्ट्रेट्स टाइम्स।
नाराजगी की वजह क्या है?
जानकारी के अनुसार, 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान तेजस्वी यादव की बस में आगे वाली सीट पर संजय यादव बैठे दिखाई दिए थे। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गई थी। अक्सर जब कोई यात्रा निकाली जाती है तो आगे की सीट परंपरागत रूप से सर्वोच्च नेता के लिए होती है। इसी तस्वीर को लेकर पटना निवासी आलोक कुमार ने इस पर फेसबुक पर लिखा था- 'आगे की सीट सदैव शीर्ष नेतृत्व के लिए होती है। यदि कोई स्वयं को उससे बड़ा मानने लगे, तो यह गंभीर संकेत है।' इसी पोस्ट को रोहिणी ने बिना कुछ लिखे अपने पेज से शेयर कर दिया था। इसी के बाद बिहार की सियासत गरम हो गई। हालांकि मामला बिगड़ता देख रोहिणी आचार्य ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए ट्विटर और फेसबुक पर दो पोस्ट की थीं, जिसमें बस में आगे की सीट पर राजद की कोई महिला नेता और अन्य नेता बैठे दिखाई दिए थे।
मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि: रोहिणी
रोहिणी आचार्य ने रविवार को ट्वीट करते हुए अपने मामले पर सफाई देने की कोशिश की। उन्होंने लिखा- 'मेरे संदर्भ में ट्रोलर्स, उद्दंडों, पेड - मीडिया एवं पार्टी हड़पने की कुत्सित मंशा रखने वालों के द्वारा फैलाये जा रहे तमाम अफवाह निराधार और मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा हैं। मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी, न है और ना ही आगे रहेगी, न मुझे खुद विधानसभा का प्रत्याशी बनना है, ना ही किसी को विधानसभा का प्रत्याशी बनवाना है, न राज्यसभा की सदस्य्ता की मेरी कोई आकांक्षा है, न ही परिवार के किसी भी सदस्य से मेरी किसी भी प्रकार की प्रतिद्वंदिता है और ना ही पार्टी या भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार में किसी पद की कोई लालसा है। मेरे लिए मेरा आत्म - सम्मान, मेरे माता - पिता के प्रति सम्मान व समर्पण, मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है।'
इसके पहले रोहिणी आचार्य ने एक दूसरा पोस्ट किया था। इसमें एक वीडियो है। जिसमें रोहिणी स्ट्रेचर पर जाती दिख रही हैं। रोहिणी ने लिखा- 'जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं , बेखौफी - बेबाकी - खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है ..'
लालू परिवार में सामने आए मतभेदयह पहली बार नहीं है जब लालू परिवार में सोशल मीडिया पर मतभेद खुले तौर पर सामने आए हों। बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले ही बगावती तेवर दिखा चुके हैं। उन्होंने भी परिवार और पार्टी के कई नेताओं को अनफॉलो किया था। लालू यादव ने तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। खास बात यह रही कि इस फैसले का समर्थन तेजस्वी यादव, मीसा भारती और रोहिणी आचार्य ने भी किया था।
आगे क्या होगा?
रोहिणी आचार्य के इस कदम से राजद और लालू परिवार के भीतर नई हलचल पैदा हो गई है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि रोहिणी अगला कदम क्या उठाती हैं- क्या वह संगठन से दूरी बनाएंगी या फिर किसी नए मोर्चे की शुरुआत करेंगी।
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