रांची: झारखंड की राजधानी रांची में एक अनोखा चार सितारा होटल बन रहा है। यह होटल लोहे से बन रहा है, ईंट और बालू से नहीं। यह पांच मंजिला इमारत मोरहाबादी इलाके में बन रही है। यह तकनीक रांची के लिए नई है, लेकिन दूसरे शहरों में ऐसी इमारतें पहले भी बन चुकी हैं। इंजीनियर मोहम्मद मकसूद आलम के अनुसार, यह रांची की पहली लोहे से बनी इमारत है।
सामान्य इमारत से ज्यादा मजबूत
इंजीनियर मोहम्मद मकसूद आलम ने बताया कि इस होटल में ग्राउंड फ्लोर पर बैंक्वेट हॉल और फर्स्ट फ्लोर पर कॉन्फ्रेंस हॉल होगा। बाकी मंजिलों पर कमरे होंगे। इंजीनियर आलम ने बताया कि लोहे से बनने के कारण यह इमारत सामान्य इमारत से ज्यादा मजबूत है और प्राकृतिक आपदाओं को झेल सकती है।
नोट बोल्ट पर बिल्डिंग
उन्होंने आगे बताया कि सबसे खास बात यह है कि इस बिल्डिंग को आसानी से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। नट बोल्ट से जुड़ी होने के कारण इसे खोलकर कहीं और लगाया जा सकता है। इंजीनियर ने कहा कि यह बिल्डिंग सामान बिल्डिंग की तरह ही दिखती है। पूरे बिल्डिंग के कंप्लीट होने के बाद पता भी नहीं चलता कि यह बिल्डिंग लोहे की बनी हुई है।
सामान्य बिल्डिंग से 20 फीसदी ज्यादा लागत
हालांकि, इस बिल्डिंग को बनाने में सामान्य बिल्डिंग से 20 फीसदी ज्यादा लागत आएगी। लेकिन, यह सामान्य बिल्डिंग से ज्यादा मजबूत होगी। सामान्य तरीके से पांच मंजिला इमारत बनाने में दो साल से ज्यादा लगते हैं। वहीं, लोहे से बनी इमारत सिर्फ 6 महीने में बन जाएगी। इस बिल्डिंग की रीसेल वैल्यू भी है।
सामान्य इमारत से ज्यादा मजबूत
इंजीनियर मोहम्मद मकसूद आलम ने बताया कि इस होटल में ग्राउंड फ्लोर पर बैंक्वेट हॉल और फर्स्ट फ्लोर पर कॉन्फ्रेंस हॉल होगा। बाकी मंजिलों पर कमरे होंगे। इंजीनियर आलम ने बताया कि लोहे से बनने के कारण यह इमारत सामान्य इमारत से ज्यादा मजबूत है और प्राकृतिक आपदाओं को झेल सकती है।
नोट बोल्ट पर बिल्डिंग
उन्होंने आगे बताया कि सबसे खास बात यह है कि इस बिल्डिंग को आसानी से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। नट बोल्ट से जुड़ी होने के कारण इसे खोलकर कहीं और लगाया जा सकता है। इंजीनियर ने कहा कि यह बिल्डिंग सामान बिल्डिंग की तरह ही दिखती है। पूरे बिल्डिंग के कंप्लीट होने के बाद पता भी नहीं चलता कि यह बिल्डिंग लोहे की बनी हुई है।
सामान्य बिल्डिंग से 20 फीसदी ज्यादा लागत
हालांकि, इस बिल्डिंग को बनाने में सामान्य बिल्डिंग से 20 फीसदी ज्यादा लागत आएगी। लेकिन, यह सामान्य बिल्डिंग से ज्यादा मजबूत होगी। सामान्य तरीके से पांच मंजिला इमारत बनाने में दो साल से ज्यादा लगते हैं। वहीं, लोहे से बनी इमारत सिर्फ 6 महीने में बन जाएगी। इस बिल्डिंग की रीसेल वैल्यू भी है।
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