श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि 5 अगस्त को कुछ बड़ा होने वाला है। वहीं अनुच्छेद 370 हटाए जाने की छठी वर्षगांठ से पहले शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की मांग तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार से कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि सरकार 5 अगस्त को कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
जम्मू कश्मीर में क्या होने वाला है? इस सवाल पर मचे घमासान के बीच उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने कल जम्मू-कश्मीर में क्या होने वाला है? इस बारे में हर संभव संभावना और संयोजन सुन लिया है। इसलिए मैं पूरी ईमानदारी से कहूंगा कि कल कुछ नहीं होगा। सौभाग्य से कुछ बुरा नहीं होगा, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ सकारात्मक भी नहीं होगा। मैं अभी भी संसद के इस मॉनसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सकारात्मक होने को लेकर आशावादी हूं, लेकिन कल नहीं।मैंने दिल्ली में लोगों से कोई मुलाकात या बातचीत नहीं की है। यह बस एक आंतरिक भावना है। देखते हैं कल क्या होता है?
दिल्ली में बड़ी बैठक
उधर, जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के छह साल पूरे होने से पहले बड़े सुरक्षा अधिकारियों ने अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बात की। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक (DIB) तपन डेका ने गृह मंत्री से उनके ऑफिस में मुलाकात की। हालांकि बैठक में क्या बात हुई? यह अभी पता नहीं चला है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने देश की सुरक्षा के बारे में चर्चा की।
5 अगस्त का दिन क्यों अहम?
दरअसल 5 अगस्त, 2019 को सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर हिस्सों को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था- जम्मू कश्मीर और लद्दाख। इस बड़े बदलाव के छह साल बाद जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने वादा किया था कि जब केंद्र शासित प्रदेश में हालात सामान्य हो जाएंगे, तो राज्य का दर्जा वापस दे दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं बताया है।
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए
एक इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को बिना देर किए राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, इसके लिए कानूनी रास्ते भी देख रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने संसद और उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसका वादा किया था।
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
जम्मू कश्मीर में क्या होने वाला है? इस सवाल पर मचे घमासान के बीच उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने कल जम्मू-कश्मीर में क्या होने वाला है? इस बारे में हर संभव संभावना और संयोजन सुन लिया है। इसलिए मैं पूरी ईमानदारी से कहूंगा कि कल कुछ नहीं होगा। सौभाग्य से कुछ बुरा नहीं होगा, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ सकारात्मक भी नहीं होगा। मैं अभी भी संसद के इस मॉनसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सकारात्मक होने को लेकर आशावादी हूं, लेकिन कल नहीं।मैंने दिल्ली में लोगों से कोई मुलाकात या बातचीत नहीं की है। यह बस एक आंतरिक भावना है। देखते हैं कल क्या होता है?
I’ve heard every possible permutation & combination about what to expect in J&K tomorrow so let me stick my neck out and say nothing will happen tomorrow - fortunately nothing bad will happen but unfortunately nothing positive will happen either. I’m still optimistic about…
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 4, 2025
दिल्ली में बड़ी बैठक
उधर, जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के छह साल पूरे होने से पहले बड़े सुरक्षा अधिकारियों ने अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बात की। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, गृह सचिव गोविंद मोहन और खुफिया ब्यूरो के निदेशक (DIB) तपन डेका ने गृह मंत्री से उनके ऑफिस में मुलाकात की। हालांकि बैठक में क्या बात हुई? यह अभी पता नहीं चला है, लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने देश की सुरक्षा के बारे में चर्चा की।
5 अगस्त का दिन क्यों अहम?
दरअसल 5 अगस्त, 2019 को सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर हिस्सों को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था- जम्मू कश्मीर और लद्दाख। इस बड़े बदलाव के छह साल बाद जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने वादा किया था कि जब केंद्र शासित प्रदेश में हालात सामान्य हो जाएंगे, तो राज्य का दर्जा वापस दे दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं बताया है।
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए
एक इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को बिना देर किए राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, इसके लिए कानूनी रास्ते भी देख रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने संसद और उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसका वादा किया था।
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