लखनऊ: राजधानी लखनऊ की न्यू जेल रोड के पास आवास एवं विकास परिषद की सौमित्र विहार योजना अगले महीने लॉन्च होगी। अफसरों के मुताबिक, पहले चरण में 200 एकड़ का ले-आउट तैयार किया जा रहा है। इसमें करीब 2000 प्लॉट होंगे। इन प्लॉटों के रजिस्ट्रेशन नवंबर के पहले सप्ताह में खोले जाएंगे।
सौमित्र विहार आवास एवं विकास परिषद की पहली आवासीय योजना है, जिसमें लैंड पूलिंग के जरिए जमीन जुटाई गई है। यहां प्लॉटों की कीमत 2200 से 2700 रुपये प्रति वर्ग फुट के रेट पर तय हो सकती है। आवास एवं विकास परिषद के सचिव नीरज शुक्ला के मुताबिक, पूरा प्रयास है कि एक नवंबर को सौमित्र विहार योजना लॉन्च कर दी जाए।
किसानों को मिले प्लॉटयोजना के लिए चांद सराय, कासिमपुर बिरुहा, हबुआपुर, मोअज्जम नगर, सठवारा, सिद्धपुरा, भटवारा, पहाड़नगर टिकरिया, कबीरपुर, मगहुआ और बेली समेत कई गांवों में किसानों से जमीन ली गई है। लैंड पूलिंग के तहत जमीन देने वाले किसानों को एक चौथाई बराबर के विकसित प्लॉट दिए गए हैं। आवास विकास परिषद के उप आवास आयुक्त चंदन पटेल ने बताया कि किसानों को 112 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के कुल 1247 प्लॉटों का आवंटन किया जा चुका है। अब रजिस्ट्रेशन खोलकर 30 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के प्लॉटों के लिए लॉटरी की जाएगी।
लैंड पूलिंग से कितना फायदा ?अधिग्रहण के मुकाबले लैंड पूलिग से जमीन जुटाना आसान है। अफसरो के मुताबिक, अधिग्रहण होने पर किसानों को सर्किल रेट पर एक बीघा का 34 से 40 लाख रुपये है। वहीं, लैंड पूलिंग में जमीन के एक चौथाई बराबर का प्लॉट दिया जाता है। योजना में जमीन का रेट 2200 से 2700 रुपये प्रति वर्ग फुट हो सकता है। इस तरह किसान को मिले विकसित प्लॉट की कीमत 1.50 करोड़ से 1.75 करोड़ के बीच हो सकती है। इस तरह लैंड पुलिंग में जमीन देने वालो को चार से पांच गुना फायदा होगा।
हर खंड में पार्क, झील
सौमित्र विहार आवास एवं विकास परिषद की पहली आवासीय योजना है, जिसमें लैंड पूलिंग के जरिए जमीन जुटाई गई है। यहां प्लॉटों की कीमत 2200 से 2700 रुपये प्रति वर्ग फुट के रेट पर तय हो सकती है। आवास एवं विकास परिषद के सचिव नीरज शुक्ला के मुताबिक, पूरा प्रयास है कि एक नवंबर को सौमित्र विहार योजना लॉन्च कर दी जाए।
किसानों को मिले प्लॉटयोजना के लिए चांद सराय, कासिमपुर बिरुहा, हबुआपुर, मोअज्जम नगर, सठवारा, सिद्धपुरा, भटवारा, पहाड़नगर टिकरिया, कबीरपुर, मगहुआ और बेली समेत कई गांवों में किसानों से जमीन ली गई है। लैंड पूलिंग के तहत जमीन देने वाले किसानों को एक चौथाई बराबर के विकसित प्लॉट दिए गए हैं। आवास विकास परिषद के उप आवास आयुक्त चंदन पटेल ने बताया कि किसानों को 112 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के कुल 1247 प्लॉटों का आवंटन किया जा चुका है। अब रजिस्ट्रेशन खोलकर 30 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के प्लॉटों के लिए लॉटरी की जाएगी।
लैंड पूलिंग से कितना फायदा ?अधिग्रहण के मुकाबले लैंड पूलिग से जमीन जुटाना आसान है। अफसरो के मुताबिक, अधिग्रहण होने पर किसानों को सर्किल रेट पर एक बीघा का 34 से 40 लाख रुपये है। वहीं, लैंड पूलिंग में जमीन के एक चौथाई बराबर का प्लॉट दिया जाता है। योजना में जमीन का रेट 2200 से 2700 रुपये प्रति वर्ग फुट हो सकता है। इस तरह किसान को मिले विकसित प्लॉट की कीमत 1.50 करोड़ से 1.75 करोड़ के बीच हो सकती है। इस तरह लैंड पुलिंग में जमीन देने वालो को चार से पांच गुना फायदा होगा।
हर खंड में पार्क, झील
- 8 खंड होंगे योजना में संकल्प, संकेत, संज्ञान, संचित, संभव, सबोध, संबित और सदीप
- 30 वर्ग मीटर से 300 वर्ग मीटर तक के प्लॉट होंगे हर खंड में
- आवासीय प्लॉटों के बीच कमर्शल और शैक्षणिक प्लॉट भी होंगे
- हर खंड के झील, कन्वेंशन सेंटर और सेक्टर में पार्क बनेगा
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