अशोकनगर: मध्य प्रदेश के अशोकनगर में एक बड़ा हादसा हुआ है। कावड़ यात्रा के लिए जल भरने गए 2 मासूम बच्चों की नदी में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। 20 मिनट गांव के गोताखोरों ने दोनों बच्चों के शव को बाहर निकाला। इस घटना के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर है।
दरअसल, सावन महीने के दूसरे सोमवार को अशोकनगर के दियाधरी गांव के लोग कावड़ यात्रा के लिए निकले थे। 8 से 10 लोगों की टोली कावड़ का जल भरने के लिए तुमेंन की त्रिवेणी नदी पहुंची थी। इस टोली में गांव के दो मासूम बच्चे आरुषि पुत्री मुनेश साहू (11) और सौरभ पुत्र हरिसिंह लोधी (15) भी जल भरने गए थे। घाट पर ग्रामीणों की टोली एक तरफ जल भर रही थी, लेकिन ये दोनों बच्चे बिना किसी को बताए दूसरी तरफ घाट पर जल भरने चले गए।
बच्चों को बचाने के लिए कूद पड़े चाचा
जल भरने के दौरान दोनों का पैर फिसला और वे नदी में डूबने लगे। दोनों बच्चों को डूबता देख आसपास के लोग चिल्लाने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर आरुषि के चाचा शिवकुमार साहू और उनके परिजन उन्हें बचाने के लिए नदी में कूद गए, लेकिन नदी में गहराई अधिक होने के कारण वह खुद डूबने लगे। वहां मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस की मदद से उन्हें बाहर निकाला।
नदी के घाट पर गड्ढा या गहराई
ग्रामीणों ने बताया कि यह हादसा नदी के घाट पर ही हुआ। यहां कुछ दिन पहले एक गड्ढा खोदा गया था। संभवत दोनों बच्चे इसी गड्ढे में चले गए और यह हादसा हो गया। वहीं कुछ लोग नदी में पानी अधिक होने के कारण हादसा होना बता रहे हैं। हालांकि इस पूरी घटना के दौरान दो पुलिसकर्मी ड्यूटी पर मौजूद थे, लेकिन दोनों को तैरना नहीं आता था। हालांकि दोनों ने तौलिया और साफा के कपड़े से दोनों को बचाने का प्रयास किया।
दरअसल, सावन महीने के दूसरे सोमवार को अशोकनगर के दियाधरी गांव के लोग कावड़ यात्रा के लिए निकले थे। 8 से 10 लोगों की टोली कावड़ का जल भरने के लिए तुमेंन की त्रिवेणी नदी पहुंची थी। इस टोली में गांव के दो मासूम बच्चे आरुषि पुत्री मुनेश साहू (11) और सौरभ पुत्र हरिसिंह लोधी (15) भी जल भरने गए थे। घाट पर ग्रामीणों की टोली एक तरफ जल भर रही थी, लेकिन ये दोनों बच्चे बिना किसी को बताए दूसरी तरफ घाट पर जल भरने चले गए।
बच्चों को बचाने के लिए कूद पड़े चाचा
जल भरने के दौरान दोनों का पैर फिसला और वे नदी में डूबने लगे। दोनों बच्चों को डूबता देख आसपास के लोग चिल्लाने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर आरुषि के चाचा शिवकुमार साहू और उनके परिजन उन्हें बचाने के लिए नदी में कूद गए, लेकिन नदी में गहराई अधिक होने के कारण वह खुद डूबने लगे। वहां मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस की मदद से उन्हें बाहर निकाला।
नदी के घाट पर गड्ढा या गहराई
ग्रामीणों ने बताया कि यह हादसा नदी के घाट पर ही हुआ। यहां कुछ दिन पहले एक गड्ढा खोदा गया था। संभवत दोनों बच्चे इसी गड्ढे में चले गए और यह हादसा हो गया। वहीं कुछ लोग नदी में पानी अधिक होने के कारण हादसा होना बता रहे हैं। हालांकि इस पूरी घटना के दौरान दो पुलिसकर्मी ड्यूटी पर मौजूद थे, लेकिन दोनों को तैरना नहीं आता था। हालांकि दोनों ने तौलिया और साफा के कपड़े से दोनों को बचाने का प्रयास किया।
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