मुंबई: महाराष्ट्र में 2022 से अटके स्थानीय निकाय चुनावों का सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है। महाराष्ट्र में मुंबई के बीएमसी चुनावों के साथ लोकल बॉडी पोल्स नई वार्डबंदी के साथ होंगे। इन चुनावों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण भी लागू होगा। सोमवार को एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में स्थानीय निकाय के चुनावों से जुड़ी अंतिम बाधा को भी दूर कर दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चुनावों में 27 फीसदी आरक्षण को स्वीकृति देने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने शीर्ष अदालत के इस निर्देश के लिए सराहना की है। गौरतलब हो कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीति गरमाई हुई। सभी की नजरें मुंबई बीएमसी चुनावों पर लगी हुई हैं। स्थानीय निकाय चुनाव तीन चरण में होने की उम्मीद है। मुंबई में अंतिम फेस में वोटिंग के आसार हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव मिनी-विधानसभा चुनावों से कम नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण और नई वार्ड रचना के साथ चुनावों को मंजूरी दे दी है। कोर्ट का यह निर्देश नगर निगम, नगरपालिका और जिला परिषद चुनावों पर लागू रहेगा। कोर्ट ने नई वार्ड रचना को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को चार हफ्तों के भीतर चुनाव संबंधी निर्देश जारी करने के आदेश दिए थे। सोमवार की सुनवाई में कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पिछले 27% ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराए जा सकते हैं। राजनीतिक प्रेक्षक दयानंन नेने कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि सरकार 2017 के वक्त जो ओबीसी आरक्षण था उसे इन चुनावों में रखे। नेने कहते हैं कि उस वक्त 27 फीसदी आरक्षण था। नेने के अनुसार मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में चार पैनल के आधार पर ही चुनाव होंगे। मुंबई के एक वार्ड में एक कैंडिडेंट सिस्टम है।
क्या थी अभी तक अड़चन?
स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य में यह विवाद था कि नई वार्ड रचना के अनुसार चुनाव कराए जाएं या पुरानी रचना के अनुसार। क्योंकि पहले महायुति सरकार ने प्रभाग रचना में बदलाव किया था, फिर महाविकास आघाड़ी सरकार ने उसमें फेरबदल किया, और इसके बाद एकनाथ शिंदे सरकार के आने पर एक बार फिर संशोधन हुआ था।
इसके बाद लातूर जिले के औसा नगर पंचायत से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। इसमें यह मांग की गई थी कि 11 मार्च 2022 से पहले की प्रभाग रचना के अनुसार ही चुनाव कराए जाएं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वार्डबंद तय करने का अधिकार राज्य सरकार का है, और राज्य सरकार जैसा तय करेगी उसी अनुसार चुनाव होंगे।
कितनी सीटों पर होंगे चुनाव?
शहरी क्षेत्रों में, 29 नगर निगमों (जालना और इचलकरंजी नवगठित) में से सभी प्रशासकों द्वारा संचालित हैं। ये बिना किसी निर्वाचित निकाय के हैं। राज्य में 248 नगर परिषदें हैं और सभी में प्रशासक हैं। 147 नगर पंचायतों में 42 में चुनाव होंगे। ग्रामीण महाराष्ट्र में, कुल 34 जिला परिषदों में से 32 में प्रशासक हैं। भंडारा और गोंदिया को छोड़कर, जिनका कार्यकाल मई 2027 में समाप्त होगा। पंचायत समितियों के मामले में कुल 351 पंचायत समितियों में से 336 में प्रशासक हैं जहां चुनाव होंगे। सबसे ज्यादा अहम मुंबई बीएमसी के चुनाव हैं। चुनाव आयोग द्वारा नए सिरे से वार्ड बंदी की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
राजनीतिक प्रेक्षकों का कहना है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव मिनी-विधानसभा चुनावों से कम नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण और नई वार्ड रचना के साथ चुनावों को मंजूरी दे दी है। कोर्ट का यह निर्देश नगर निगम, नगरपालिका और जिला परिषद चुनावों पर लागू रहेगा। कोर्ट ने नई वार्ड रचना को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को चार हफ्तों के भीतर चुनाव संबंधी निर्देश जारी करने के आदेश दिए थे। सोमवार की सुनवाई में कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पिछले 27% ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराए जा सकते हैं। राजनीतिक प्रेक्षक दयानंन नेने कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि सरकार 2017 के वक्त जो ओबीसी आरक्षण था उसे इन चुनावों में रखे। नेने कहते हैं कि उस वक्त 27 फीसदी आरक्षण था। नेने के अनुसार मुंबई को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में चार पैनल के आधार पर ही चुनाव होंगे। मुंबई के एक वार्ड में एक कैंडिडेंट सिस्टम है।
क्या थी अभी तक अड़चन?
स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य में यह विवाद था कि नई वार्ड रचना के अनुसार चुनाव कराए जाएं या पुरानी रचना के अनुसार। क्योंकि पहले महायुति सरकार ने प्रभाग रचना में बदलाव किया था, फिर महाविकास आघाड़ी सरकार ने उसमें फेरबदल किया, और इसके बाद एकनाथ शिंदे सरकार के आने पर एक बार फिर संशोधन हुआ था।
इसके बाद लातूर जिले के औसा नगर पंचायत से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। इसमें यह मांग की गई थी कि 11 मार्च 2022 से पहले की प्रभाग रचना के अनुसार ही चुनाव कराए जाएं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वार्डबंद तय करने का अधिकार राज्य सरकार का है, और राज्य सरकार जैसा तय करेगी उसी अनुसार चुनाव होंगे।
कितनी सीटों पर होंगे चुनाव?
शहरी क्षेत्रों में, 29 नगर निगमों (जालना और इचलकरंजी नवगठित) में से सभी प्रशासकों द्वारा संचालित हैं। ये बिना किसी निर्वाचित निकाय के हैं। राज्य में 248 नगर परिषदें हैं और सभी में प्रशासक हैं। 147 नगर पंचायतों में 42 में चुनाव होंगे। ग्रामीण महाराष्ट्र में, कुल 34 जिला परिषदों में से 32 में प्रशासक हैं। भंडारा और गोंदिया को छोड़कर, जिनका कार्यकाल मई 2027 में समाप्त होगा। पंचायत समितियों के मामले में कुल 351 पंचायत समितियों में से 336 में प्रशासक हैं जहां चुनाव होंगे। सबसे ज्यादा अहम मुंबई बीएमसी के चुनाव हैं। चुनाव आयोग द्वारा नए सिरे से वार्ड बंदी की गई है।
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