बीजिंग: अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन ने पहली बार दो एयरक्राफ्ट कैरियरों के साथ युद्धाभ्यास किया है। इस युद्धाभ्यास में दर्जनों दूसरे युद्धपोत, पनडुब्बियां और लड़ाकू विमान शामिल थे। इसे चीन का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। चीन ने इससे पहले कभी भी दो एयरक्राफ्ट कैरियरों के साथ युद्धाभ्यास नहीं किया है। वर्तमान में चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है। इसके बावजूद चीन लगातार नए-नए युद्धपोतों और पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है। दो एयरक्राफ्ट कैरियरों के एक साथ संचालन से अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। इससे चीन दूरदराज के इलाकों में सैन्य अभियानों को अंजाम दे सकता है। एक साथ दो एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ अभ्यासचीनी मीडिया ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी- नेवी ने दो एयरक्राफ्ट कैरियरों लियाओनिंग और शेडोंग के साथ शक्ति प्रदर्शन किया है। सरकारी टीवी चैनलों पर इस युद्धाभ्यास के वीडियो भी प्रकाशित किए गए। रिपोर्ट में सिर्फ इतना बताया गया है कि यह अभ्यास दक्षिण चीन सागर में आयोजित किया गया है, लेकिन उसकी लोकेशन को सार्वजनिक नहीं किया गया है। इससे पहले अमेरिका और भारत दो एयरक्राफ्ट कैरियरों के साथ युद्धाभ्यास कर चुके हैं। चीनी युद्धाभ्यास का उद्देश्य क्या थासीजीटीएन ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य नौसेना की एकीकृत युद्ध क्षमताओं को बढ़ाना है। रिपोर्ट में बताया गया कि "प्रशिक्षण और युद्धाभ्यास में कई वास्तविक युद्ध परिदृश्य शामिल थे, जिसमें जे-15 लड़ाकू जेट विमानों ने निर्दिष्ट हवाई क्षेत्र में अभ्यास करने के लिए लियाओनिंग के डेक से उड़ान भरी।" इसके अलावा विमानवाहक पोत के रडार से आसमान पर नजर रखी गई और मिसाइलों से नकली लक्ष्य को साधने की प्रैक्टिस की गई। चीन के एयरक्राफ्ट कैरियरों को जानेंचीन का लियाओनिंग एक सेकेंड हैंड एयरक्राफ्ट है। इसे चीनी सेना में 2012 में कमीशन किया गया था। इससे पहले यह सोवियत संघ के जमाने में कुजनेत्सोव क्लास के नाम से संचालित किया जाता था। सोवियत संघ के विघटन के बाद यह एयरक्राफ्ट कैरियर यूक्रेन के हिस्से में आया, लेकिन इसका उपयोग नहीं किया गया। ऐसे में चीन ने 1990 के दशक के अंत में कबाड़ के रूप में यूक्रेन से इस एयरक्राफ्ट की खरीद की और बाद में अपग्रेड कर उसे काम के लायक बना दिया। चीन के पास सुपरकैरियर भी मौजूदचीन का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर शेडोंग 2019 में चीनी नौसेना में शामिल हुआ। यह लियाओनिंग की तरह ही एक स्की जंप प्लेटफॉर्म वाला एयरक्राफ्ट कैरियर है, लेकिन इसको बड़े पैमाने पर अपग्रेड किया गया है। चीन का तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान स्वदेशी तकनीक पर निर्मित एक सुपरकैरियर है। यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापुल्स सिस्टम से लैस है, जो भारी लड़ाकू विमानों को उड़ा और उतार सकता है। इसकी तुलना अमेरिका के अत्याधुनिक यूएसएस गेरॉर्ड ऑर फोर्ड से किया जाता है।
You may also like
IND A vs AUS A: पहला अनौपचारिक टेस्ट: ईशान किशन की बेहतरीन सलाह की वजह से इंडिया A ने झटका मेजबान का महत्वपूर्ण विकेट
विधायक रंधावा ने कैंटोनमेंट बोर्ड के वार्ड 2 में ब्लैकटॉपिंग का काम शुरू करवाया
भारत सेवाश्रम संघ ने जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए
बेलागंज विधानसभा सीट उपचुनाव : यहां है त्रिकोणीय मुकाबला, जानिए किसके क्या हैं दावे
'मल्लिकार्जुन खड़गे ने माना, कांग्रेस झूठे वादे करती है' : मोहन यादव