सीकर: मादक पदार्थो की तस्करी मे फरार हुए आरोपी ने पुलिस को चकमा देने के लिए तरह तरह के तरीके अपनाए लेकिन राजस्थान में सीकर पुलिस की पैनी नजरों से आरोपी बच नहीं पाया और अंतत: ड्रग्स तस्करी में वांछित शातिर सप्लायर आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ ही गया। सीकर जिले की गोकुलपुरा थाना पुलिस ने ह्यूमन इंटेलिजेंस के जरिए गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से एक फरार डोडा-पोस्त सप्लायर को धर दबोचा, जिसकी पहचान देवीपुरा निवासी हुकुम सिंह के रूप में हुई है, जो गिरफ्तारी से बचने के लिए ट्रक ड्राइवर तक भी बन गया था। इसके अलावा अपना भेष भी बदला।
पुलिस से बचने के लिए बन बैठा ट्रक ड्राइवर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनडीपीएस एक्ट में वांछित हुकुम सिंह ने पुलिस ने चकमा देने के अनेक जतन किए। पुलिस से बचने के लिए ट्रक ड्राइविंग को अपना छुपाव बना लिया और दिल्ली, गुजरात जैसे राज्यों की सड़कों पर निकल पड़ा। लेकिन शातिर दिमागों से भी ज्यादा तेज होती है राजस्थान पुलिस की ह्यूमन इंटेलिजेंस टीम।लगातार 18 दिन तक पीछा करने के बाद आखिरकार आरोपी को बॉर्डर पर दबोच लिया गया।
जड़ें जुड़ी हैं डोडा-पोस्त नेटवर्क से
पुलिस ने बताया कि दरअसल ये मामला 13 जुलाई से जुड़ा है, जब उद्योग नगर थाना पुलिस ने नवलगढ़ पुलिया के पास से शंकरलाल गुर्जर को भारी मात्रा में डोडा-पोस्त के साथ गिरफ्तार किया था। जब पुलिस ने शंकरलाल से पूछताछ की, तो उसने बताया कि यह नशे का माल देवीपुरा गोठड़ा निवासी हुकुम सिंह से लिया गया था। इसके बाद गोकुलपुरा थानाधिकारी इंस्पेक्टर प्रीति बेनीवाल के नेतृत्व में छानबीन शुरू हुई।
18 दिन की खुफिया निगरानी और फिर बड़ी गिरफ्तारी
पुलिस ने हुकुम के संभावित ठिकानों जैसे रींगस, जयपुर ट्रांसपोर्ट एरिया, अजमेर, विजयनगर, उदयपुर में दबिश दी। लेकिन आरोपी हर बार बच निकला। आखऱिकार ह्यूमन इंटेलिजेंस से सूचना मिली कि वह ट्रक ड्राइविंग की आड़ में गुजरात की तरफ भाग रहा है। तब गोकुलपुरा थाना पुलिस ने बॉर्डर पर जाल बिछाया और आरोपी को दबोच लिया।
टीम वर्क का कमाल- कांस्टेबल जयसिंह और विकास की अहम भूमिका
इस ऑपरेशन में कांस्टेबल जयसिंह और विकास की भूमिका अहम रही। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वह नशे का सामान कहां से लाता था, कौन-कौन इसमें शामिल है और किन इलाकों में इसकी सप्लाई करता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में कई खुलासे होने की उम्मीद है।
पुलिस से बचने के लिए बन बैठा ट्रक ड्राइवर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनडीपीएस एक्ट में वांछित हुकुम सिंह ने पुलिस ने चकमा देने के अनेक जतन किए। पुलिस से बचने के लिए ट्रक ड्राइविंग को अपना छुपाव बना लिया और दिल्ली, गुजरात जैसे राज्यों की सड़कों पर निकल पड़ा। लेकिन शातिर दिमागों से भी ज्यादा तेज होती है राजस्थान पुलिस की ह्यूमन इंटेलिजेंस टीम।लगातार 18 दिन तक पीछा करने के बाद आखिरकार आरोपी को बॉर्डर पर दबोच लिया गया।
जड़ें जुड़ी हैं डोडा-पोस्त नेटवर्क से
पुलिस ने बताया कि दरअसल ये मामला 13 जुलाई से जुड़ा है, जब उद्योग नगर थाना पुलिस ने नवलगढ़ पुलिया के पास से शंकरलाल गुर्जर को भारी मात्रा में डोडा-पोस्त के साथ गिरफ्तार किया था। जब पुलिस ने शंकरलाल से पूछताछ की, तो उसने बताया कि यह नशे का माल देवीपुरा गोठड़ा निवासी हुकुम सिंह से लिया गया था। इसके बाद गोकुलपुरा थानाधिकारी इंस्पेक्टर प्रीति बेनीवाल के नेतृत्व में छानबीन शुरू हुई।
18 दिन की खुफिया निगरानी और फिर बड़ी गिरफ्तारी
पुलिस ने हुकुम के संभावित ठिकानों जैसे रींगस, जयपुर ट्रांसपोर्ट एरिया, अजमेर, विजयनगर, उदयपुर में दबिश दी। लेकिन आरोपी हर बार बच निकला। आखऱिकार ह्यूमन इंटेलिजेंस से सूचना मिली कि वह ट्रक ड्राइविंग की आड़ में गुजरात की तरफ भाग रहा है। तब गोकुलपुरा थाना पुलिस ने बॉर्डर पर जाल बिछाया और आरोपी को दबोच लिया।
टीम वर्क का कमाल- कांस्टेबल जयसिंह और विकास की अहम भूमिका
इस ऑपरेशन में कांस्टेबल जयसिंह और विकास की भूमिका अहम रही। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वह नशे का सामान कहां से लाता था, कौन-कौन इसमें शामिल है और किन इलाकों में इसकी सप्लाई करता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में कई खुलासे होने की उम्मीद है।
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