बेंगलुरु: कर्नाटक की सियासत में बड़ा उलटफेर होने वाला है। इसका संकेत खुद सीएम सिद्धारमैया के बेटे और कांग्रेस एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने दिया है। यतींद्र सिद्धारमैया ने बयान दिया है कि उनके पिता अपने राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में हैं और अब पार्टी को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो भविष्य में मार्गदर्शन और नेतृत्व दे सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतीश जारकीहोली इस जिम्मेदारी को संभालेंगे और प्रगतिशील विचारधारा के आदर्श नेता साबित होंगे। यतींद्र के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तत्काल यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया नवंबर में अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे रास्ते पर पहुंच रहे हैं, और इसी बीच कांग्रेस के अंदर सत्ता हस्तांतरण को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
पार्टी के कई विधायक डीके शिवकुमार का कर चुके हैं समर्थन
पार्टी के कई विधायक पहले भी सार्वजनिक रूप से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन में बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में शिवकुमार की भूमिका अहम रही थी। ऐसे में कई लोगों का मानना है कि यदि नेतृत्व परिवर्तन होता है, तो शिवकुमार मजबूत दावेदार हो सकते हैं। हालांकि, सिद्धारमैया ने हाल ही में कहा था कि किसी भी नेतृत्व परिवर्तन का फैसला केवल पार्टी हाईकमान पर नहीं छोड़ा जा सकता, बल्कि इसके लिए विधायकों का समर्थन और राय भी जरूरी है। यह बयान शिवकुमार की उस टिप्पणी के जवाब के रूप में देखा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि हाईकमान जो फैसला करेगा, वही अंतिम होगा।
सिद्धारमैया को अब भी विधायकों के बड़े हिस्से का समर्थन
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सिद्धारमैया अब भी कांग्रेस विधायकों के एक बड़े हिस्से का समर्थन बनाए हुए हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि किसी भी बदलाव से पहले हाईकमान को विधायकों की राय अवश्य लेनी होगी। इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक कांग्रेस में किसी तरह का मतभेद या सत्ता साझा करने का समझौता नहीं है
पार्टी के कई विधायक डीके शिवकुमार का कर चुके हैं समर्थन
पार्टी के कई विधायक पहले भी सार्वजनिक रूप से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन में बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में शिवकुमार की भूमिका अहम रही थी। ऐसे में कई लोगों का मानना है कि यदि नेतृत्व परिवर्तन होता है, तो शिवकुमार मजबूत दावेदार हो सकते हैं। हालांकि, सिद्धारमैया ने हाल ही में कहा था कि किसी भी नेतृत्व परिवर्तन का फैसला केवल पार्टी हाईकमान पर नहीं छोड़ा जा सकता, बल्कि इसके लिए विधायकों का समर्थन और राय भी जरूरी है। यह बयान शिवकुमार की उस टिप्पणी के जवाब के रूप में देखा गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि हाईकमान जो फैसला करेगा, वही अंतिम होगा।
सिद्धारमैया को अब भी विधायकों के बड़े हिस्से का समर्थन
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सिद्धारमैया अब भी कांग्रेस विधायकों के एक बड़े हिस्से का समर्थन बनाए हुए हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि किसी भी बदलाव से पहले हाईकमान को विधायकों की राय अवश्य लेनी होगी। इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक कांग्रेस में किसी तरह का मतभेद या सत्ता साझा करने का समझौता नहीं है
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