अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन के समोसे को लेकर दिए गए बयान पर राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दलों ने बीजेपी सांसद पर जोरदार हमला बोला है। सपा नेता काजल निषाद ने रवि किशन को समोसा किशन बताते हुए कहा कि नौकरी, महंगाई, आतंकवाद, पहलगाम कोई मुद्दा नहीं है। देश का असली मुद्दा समोसा छोटा क्यों है। काजल निषाद ने अपना वीडियो बयान जारी कर बीजेपी सांसद रवि किशन पर जमकर बरसी है।
बता दें, बीजेपी सांसद रवि किशन ने संसद में ढाबों और होटलों में मिलने वाले समोसे, वड़ा पाव आदि खाद्य पदार्थों के मानक निर्धारित करने का मुद्दा उठाया था। समाजवादी पार्टी की नेता और गोरखपुर लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार रही काजल निषाद ने तंज कसते हुए कहा कि समोसा में होता है आलू, बीजेपी के नेता हैं बड़े चालू। सपा नेता ने सांसद रवि किशन को समोसा किशन बताया है। उन्होंने कहा कि हर-हर महादेव करके थाली भर मछली खा जाते हैं। उनको भगोना जितना समोसा खाना था। लेकिन वो अपनी बात नहीं कह पाए। क्योंकि अगर अपनी बात जनता में कहेंगे, तो जनता वोट नहीं देगी। सपा नेता ने कहा कि रवि किशन इसलिए सांसद बने हैं, ताकि वो सदन में जाकर कहे कि कटोरी भर समोसा मिलता है।
काजल निषाद ने कसा तंजसपा नेता काजल निषाद ने कहा कि बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, आतंकवाद, पहलगाम, पुलवामा जैसे मुद्दे कोई मुद्दा नहीं है। देश का असली मुद्दा ये है कि समोसा आखिर छोटा क्यों होता है। आप सब इसमें क्यों उलझे है कि नौकरियां नहीं मिल रही है। पढाई-लिखाई करके डिग्रियां खत्म हो रही हैं। स्कूल बंद हो रहे हैं, शिक्षा नहीं, किसी तरह की सुविधा नहीं, महिला आये दिन प्रताड़ित हो रही है। ये सब कोई मुद्दे नहीं हैं। काजल निषाद ने बताया कि बीजेपी सरकार में पकोड़ा तलना और समोसा बड़ा क्यों नहीं है, ये असल मुद्दे हैं। नेता इसलिए तो बने हैं कि वो असली मुद्दे पर बात करे और देश का असली मुद्दा समोसा है।
ये है मामलाबता दें, गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि किसी भी ढाबे या होटल में मात्रा कितनी होगी, ये मानकीकरण नहीं किया गया है। कहीं कटोरी भर छुट्टा में दे देला, कहीं बड़ा समोसा मिलता है। ये आज तक हमको भी समझ में नहीं आया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि इतना बड़ा बाजार जहां करोड़ों की संख्या में ग्राहक हैं, बिना किसी रूल्स एंड रेगुलेशन के चल रहा है। हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में कई क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन किए, लेकिन अभी तक ये क्षेत्र अछूता है। रवि किशन ने कहा कि मेरी मांग है कि छोटे ढाबे से लेकर सामान्य रेस्टोरेंट, फाइव स्टार होटलों में मिलने वाले खाद्य पदार्थों के मूल्य, गुणवत्ता और उसकी मात्रा को निर्धारित किया जाना चाहिए।
बता दें, बीजेपी सांसद रवि किशन ने संसद में ढाबों और होटलों में मिलने वाले समोसे, वड़ा पाव आदि खाद्य पदार्थों के मानक निर्धारित करने का मुद्दा उठाया था। समाजवादी पार्टी की नेता और गोरखपुर लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार रही काजल निषाद ने तंज कसते हुए कहा कि समोसा में होता है आलू, बीजेपी के नेता हैं बड़े चालू। सपा नेता ने सांसद रवि किशन को समोसा किशन बताया है। उन्होंने कहा कि हर-हर महादेव करके थाली भर मछली खा जाते हैं। उनको भगोना जितना समोसा खाना था। लेकिन वो अपनी बात नहीं कह पाए। क्योंकि अगर अपनी बात जनता में कहेंगे, तो जनता वोट नहीं देगी। सपा नेता ने कहा कि रवि किशन इसलिए सांसद बने हैं, ताकि वो सदन में जाकर कहे कि कटोरी भर समोसा मिलता है।
काजल निषाद ने कसा तंजसपा नेता काजल निषाद ने कहा कि बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, आतंकवाद, पहलगाम, पुलवामा जैसे मुद्दे कोई मुद्दा नहीं है। देश का असली मुद्दा ये है कि समोसा आखिर छोटा क्यों होता है। आप सब इसमें क्यों उलझे है कि नौकरियां नहीं मिल रही है। पढाई-लिखाई करके डिग्रियां खत्म हो रही हैं। स्कूल बंद हो रहे हैं, शिक्षा नहीं, किसी तरह की सुविधा नहीं, महिला आये दिन प्रताड़ित हो रही है। ये सब कोई मुद्दे नहीं हैं। काजल निषाद ने बताया कि बीजेपी सरकार में पकोड़ा तलना और समोसा बड़ा क्यों नहीं है, ये असल मुद्दे हैं। नेता इसलिए तो बने हैं कि वो असली मुद्दे पर बात करे और देश का असली मुद्दा समोसा है।
ये है मामलाबता दें, गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि किसी भी ढाबे या होटल में मात्रा कितनी होगी, ये मानकीकरण नहीं किया गया है। कहीं कटोरी भर छुट्टा में दे देला, कहीं बड़ा समोसा मिलता है। ये आज तक हमको भी समझ में नहीं आया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि इतना बड़ा बाजार जहां करोड़ों की संख्या में ग्राहक हैं, बिना किसी रूल्स एंड रेगुलेशन के चल रहा है। हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में कई क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन किए, लेकिन अभी तक ये क्षेत्र अछूता है। रवि किशन ने कहा कि मेरी मांग है कि छोटे ढाबे से लेकर सामान्य रेस्टोरेंट, फाइव स्टार होटलों में मिलने वाले खाद्य पदार्थों के मूल्य, गुणवत्ता और उसकी मात्रा को निर्धारित किया जाना चाहिए।
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