US President Election: अमेरिका को एक हफ्ते से भी कम समय में नया राष्ट्रपति मिलने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे 5 नवंबर को ही आ जाएंगे। इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा इमिग्रेशन यानी आप्रवास को लेकर हो रही है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय समेत अमेरिका में बाहरी देशों से आए नागरिकों के बीच ये मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फिर से चुने जाने की संभावना ने आप्रवासियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ट्रंप इमिग्रेशन को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान भी अवैध आप्रवासियों को देश से बाहर करने की बात की है। बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए दिल्ली में स्थित लॉ फर्म 'सर्कल ऑफ काउंसिल' के पार्टनर रसेल ए. स्टैमेट्स ने ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने को लेकर गहरी आशंका व्यक्त की। उन्होंने कहा, "भारतीयों को कई स्तरों पर ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने से डरना चाहिए।" स्टैमेट्स ने इस बात पर भी जोर दिया कि डोनाल्ड ड्रंप आप्रवासियों खासतौर पर गैर-अश्वेत लोगों के प्रति आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। प्रोजेक्ट 2025 से चिंतित लोगअमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'प्रोजेक्ट 2025' की वकालत की। इसमें बताया गया कि जब रिपब्लिकन पार्टी की सरकार बनेगी तो किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। इसमें सबसे ज्यादा बदलाव सरकार और इमिग्रेशन को लेकर होने वाला है। 'प्रोजेक्ट 2025' के जरिए रूढ़िवादी विचारों को थोपने की तैयार हो रही है, जिसकी वजह से गैर-अमेरिकी समुदाय चिंतित है। ट्रंप ने वादा किया है कि वह अवैध रूप से देश में रहने वालों के खिलाफ इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान शुरू करने वाले हैं। भारतीय समुदाय के बीच भी चिंता की लहरअमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की आबादी 54 लाख है। भारतीय अमेरिका की अर्थव्यवस्था को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इमिग्रेशन सुधार का समर्थन करने वाले समूहों का कहना है कि ट्रम्प के प्रस्तावित परिवर्तन-विशेष रूप से जन्मजात नागरिकता के नियम को खत्म करना-कानूनी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, क्योंकि यह संभवतः अमेरिकी संविधान के 14 वें संशोधन के उलट है। नागरिकता के मुद्दे को लेकर भारतीय समुदाय सबसे ज्यादा चिंतित है। ट्रंप राष्ट्रपति बने तो भारतीयों पर क्या असर होगा?अमेरिका भारतीय स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स दोनों के लिए ही सबसे पसंदीदा जगह रहा है। 2023 में 1.4 लाख भारतीय छात्रों को स्टूडेंट वीजा दिया गया। अमेरिका में विदेश से पढ़ने आने वाले छात्रों में सबसे बड़ा ग्रुप भारतीयों का रहा। मगर जिस तरह से ट्रंप इमिग्रेशन के खिलाफ आक्रामक है, उससे भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका का स्टूडेंट वीजा लेना मुश्किल होने वाला है। ट्रंप अगर जीतते हैं तो वह स्टूडेंट वीजा के नियम कड़े कर सकते हैं। किसी देश से आने वाले छात्रों की संख्या को भी सीमित कर सकते हैं।वहीं, ट्रंप का चुनाव जीतना भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए भी मुसीबत पैदा कर सकता है। इसकी मुख्य वजह ये है कि ट्रंप अमेरिकी नागरिकों को नौकरी पर रखने की वकालत करते हैं। उनका कहना है कि सबसे पहले अमेरिकी लोगों को नौकरी मिलनी चाहिए। उनकी इस नीति की वजह से भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका में जाकर नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा। प्रोफेशनल्स के लिए वीजा नियम भी सख्त हो सकते हैं।
You may also like
ऑस्ट्रेलिया 2025 में दो टेस्ट और एक वनडे मैच के लिए श्रीलंका का दौरा करेगा
Diwali Funny Video: गुलेल से बम फोड़ने से लेकर पानी में अनार जलाने तक, इन 10 वीडियो को देखकर तो आप भी कहेंगे- पटाखे बैन करो!
Apple ने चौथी तिमाही में की रिकॉर्ड कमाई, iPhone 16 की स्ट्रांग सेलिंग का रहा तगड़ा असर
तीसरा टेस्ट: सुंदर ने झटके दो विकेट, न्यूजीलैंड लंच तक 92/3
विहिप ने हिंदुओं की आवाज उठाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को कहा 'धन्यवाद', संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी पर सवाल