Indian Life in Germany: विदेश में पढ़ने जाने से पहले ये जानना जरूरी होता है कि आप जिस देश में एडमिशन ले रहे हैं, क्या वहां के हालात ठीक हैं? क्या वहां आपको किसी तरह की कोई दिक्कत तो नहीं आएगी? अगर आपको इन चीजों के बारे में नहीं मालूम है, तो फिर आपको विदेश में पढ़ाई के दौरान कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा ही कुछ जर्मनी में पढ़ने गई एक भारतीय छात्रा को झेलना पड़ रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब वह भारत लौटने की योजना बना रही है।
Video
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर भारतीय छात्रा ने एक पोस्ट लिखा है, जिसका टाइटल 'जर्मनी में एक हफ्ता हुआ और मैं अब वापस जाना चाहती हूं। मुझे नहीं पता मैं इस भावना का सामना कैसे करूं' है। छात्रा ने कहा, 'मैं कुछ देर पहले ही रोईं हूं। मुझे यहां नहीं आना चाहिए था। मैं बस अपनी भड़ास निकलना चाहती हूं।' छात्रा ने बताया कि उसे जर्मनी में नस्लवाद का सामना भी करना पड़ रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि यहां पर भारतीयों के खिलाफ माहौल भी बन रहा है, जो खतरनाक है।
लोग घूर रहे, यहां नस्लवाद भी है: भारतीय छात्रा
रेडिट पोस्ट में भारतीय छात्रा ने कहा, 'मैं यहां एक हफ्ते पहले आई। मैं तैयार थी, मैंने अपनी रिसर्च की थी और थोड़ी बहुत भाषा भी सीखी थी। इतनी कि मैं रोजमर्रा में लोगों से बात कर सकूं। मैं रोजाना सीख रही हूं। लेकिन नस्लवाद और अजीब निगाहों के बारे में मैंने किसी तरह ध्यान नहीं दिया। मेरी त्वचा सांवली है और वे पहले से ही इतने सारे भारतीयों से बहुत चिढ़ चुके हैं।' उसने बताया कि अब तक प्रोफेसर्स भी ज्यादा भारतीयों के होने के मुद्दों को उठा दे रहे हैं, जो काफी चिंताजनक है।
भारतीय छात्रा ने आगे कहा, 'आज ओरिएंटेशन में भी स्पीकर ने टिप्पणी की कि कैसे अंतरराष्ट्रीय छात्रों में ज्यादातर भारतीय छात्र हैं और सभी अजीब तरह से देख रहे थे। और मैं देख रही हूं कि लोग आपस में इस तरह घूर रहे हैं और फुसफुसा रहे हैं जैसे आपको लगे कि वे आपके बारे में बात कर रहे हैं। मुझे ये पसंद नहीं है। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा और मैं गंभीरता से भारत लौटने पर विचार कर रही हूं। काश मैं भारत में पैदा न होती, लेकिन इस पर मेरा कोई कंट्रोल नहीं था।'
भारतीय छात्रों की हरकतों पर उठाया सवाल
छात्रा ने ये भी कहा कि यहां पढ़ने आने वाले भारतीय भी मौजूदा हालात के जिम्मेदार हैं। उसने बताया कि भारतीय छात्रों का रवैया काफी खराब है। अपनी पोस्ट में उसने भारतीय छात्रों से जुड़ी एक घटना का जिक्र भी किया।
उसने कहा, 'मैंने देखा कि कुछ लोग यहां कैसे व्यवहार करते हैं। मैं आवास कार्यालय के बाहर बैठी थी और कुछ लोग जोर-जोर से हिंदी में बातें कर रहे थे और हंस रहे थे। ये एक गलियारा था जिसमें अलग-अलग लोगों के कई ऑफिस थे और इन लोगों को झरा भी शर्म नहीं थी, वे बस जोर-जोर से बातें करते रहे। इस दौरान वे उस महिला के बारे में अभद्र बातें भी करते रहे जिसके ऑफिस में मुझे जाना था।'
सबको भारतीयों के यहां आने से लग रहा बुरा: भारतीय छात्रा
भारतीय छात्रा ने आगे कहा, 'मैं शहर में घूमती हूं और मुझे लगता है कि सबको बुरा लग रहा है कि मैं यहां हूं या भारत से लोग यहां हैं। मैं भी कुछ ज्यादा ही समझदार हो रही हूं, लेकिन यही सच है। मैंने दूसरे लोगों से पूछा तो उन्होंने कहा कि वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। आप इसे कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं?'
उसने कहा, 'मैंने अभी तक सीधे तौर पर नस्लवाद का सामना भी नहीं किया है और मैं पहले ही इससे उबर चुकी हूं। मैं सोच रही हूं कि अपने माता-पिता को फोन करूं और वापस आने के बारे में बात करूं। मुझे बस बिना रोए ऐसा करना है, वरना वे परेशान हो जाएंगे। मुझे नहीं पता कि मैं यहां क्यों आयी हूं।'
Video
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर भारतीय छात्रा ने एक पोस्ट लिखा है, जिसका टाइटल 'जर्मनी में एक हफ्ता हुआ और मैं अब वापस जाना चाहती हूं। मुझे नहीं पता मैं इस भावना का सामना कैसे करूं' है। छात्रा ने कहा, 'मैं कुछ देर पहले ही रोईं हूं। मुझे यहां नहीं आना चाहिए था। मैं बस अपनी भड़ास निकलना चाहती हूं।' छात्रा ने बताया कि उसे जर्मनी में नस्लवाद का सामना भी करना पड़ रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि यहां पर भारतीयों के खिलाफ माहौल भी बन रहा है, जो खतरनाक है।
लोग घूर रहे, यहां नस्लवाद भी है: भारतीय छात्रा
रेडिट पोस्ट में भारतीय छात्रा ने कहा, 'मैं यहां एक हफ्ते पहले आई। मैं तैयार थी, मैंने अपनी रिसर्च की थी और थोड़ी बहुत भाषा भी सीखी थी। इतनी कि मैं रोजमर्रा में लोगों से बात कर सकूं। मैं रोजाना सीख रही हूं। लेकिन नस्लवाद और अजीब निगाहों के बारे में मैंने किसी तरह ध्यान नहीं दिया। मेरी त्वचा सांवली है और वे पहले से ही इतने सारे भारतीयों से बहुत चिढ़ चुके हैं।' उसने बताया कि अब तक प्रोफेसर्स भी ज्यादा भारतीयों के होने के मुद्दों को उठा दे रहे हैं, जो काफी चिंताजनक है।
भारतीय छात्रा ने आगे कहा, 'आज ओरिएंटेशन में भी स्पीकर ने टिप्पणी की कि कैसे अंतरराष्ट्रीय छात्रों में ज्यादातर भारतीय छात्र हैं और सभी अजीब तरह से देख रहे थे। और मैं देख रही हूं कि लोग आपस में इस तरह घूर रहे हैं और फुसफुसा रहे हैं जैसे आपको लगे कि वे आपके बारे में बात कर रहे हैं। मुझे ये पसंद नहीं है। मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा और मैं गंभीरता से भारत लौटने पर विचार कर रही हूं। काश मैं भारत में पैदा न होती, लेकिन इस पर मेरा कोई कंट्रोल नहीं था।'
भारतीय छात्रों की हरकतों पर उठाया सवाल
छात्रा ने ये भी कहा कि यहां पढ़ने आने वाले भारतीय भी मौजूदा हालात के जिम्मेदार हैं। उसने बताया कि भारतीय छात्रों का रवैया काफी खराब है। अपनी पोस्ट में उसने भारतीय छात्रों से जुड़ी एक घटना का जिक्र भी किया।

उसने कहा, 'मैंने देखा कि कुछ लोग यहां कैसे व्यवहार करते हैं। मैं आवास कार्यालय के बाहर बैठी थी और कुछ लोग जोर-जोर से हिंदी में बातें कर रहे थे और हंस रहे थे। ये एक गलियारा था जिसमें अलग-अलग लोगों के कई ऑफिस थे और इन लोगों को झरा भी शर्म नहीं थी, वे बस जोर-जोर से बातें करते रहे। इस दौरान वे उस महिला के बारे में अभद्र बातें भी करते रहे जिसके ऑफिस में मुझे जाना था।'
सबको भारतीयों के यहां आने से लग रहा बुरा: भारतीय छात्रा
भारतीय छात्रा ने आगे कहा, 'मैं शहर में घूमती हूं और मुझे लगता है कि सबको बुरा लग रहा है कि मैं यहां हूं या भारत से लोग यहां हैं। मैं भी कुछ ज्यादा ही समझदार हो रही हूं, लेकिन यही सच है। मैंने दूसरे लोगों से पूछा तो उन्होंने कहा कि वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। आप इसे कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं?'
उसने कहा, 'मैंने अभी तक सीधे तौर पर नस्लवाद का सामना भी नहीं किया है और मैं पहले ही इससे उबर चुकी हूं। मैं सोच रही हूं कि अपने माता-पिता को फोन करूं और वापस आने के बारे में बात करूं। मुझे बस बिना रोए ऐसा करना है, वरना वे परेशान हो जाएंगे। मुझे नहीं पता कि मैं यहां क्यों आयी हूं।'
You may also like
राज्य स्तरीय सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान के लिए रवाना हुई बाल वैज्ञानिकाें की टीम
वेस्टइंडीज सीरीज के बाद अब इन टीमों से होगा टीम इंडिया का सामना, जून 2026 तक के लिए भारतीय टीम के शेड्यूल का ऐलान
कॉलेस्ट्रोल से परेशान हैं तो पी लें यह` एक ड्रिंक, धमनियां खुल जाएंगी और नहीं जमेगी गंदगी
करीब 5 लाख की आबादी, काबो वर्डे ने फीफा विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया
'अपना यूट्यूब चैनल चलाने के लिए कुछ मत बोलो' – हर्षित राणा के चयन पर बोले गौतम गंभीर