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रामनवमी पर बरेली में हुआ चमत्कार, खेत से प्रकट हुई भगवान हनुमान जी की मूर्ति

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रामनवमी के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक चमत्कारिक घटना सामने आई है। इज्जतनगर थाना क्षेत्र के रूपापुर गांव में खेत की खुदाई के दौरान भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी की एक प्राचीन मूर्ति प्रकट हुई है। इस अद्भुत दृश्य की जानकारी जैसे ही इलाके में फैली, वहां भक्तों और ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा गांव "जय श्रीराम" और "जय हनुमान" के नारों से गूंज उठा। यह घटना तब हुई जब किसान होतम सिंह रोज की तरह अपने खेत पर काम कर रहे थे। खेत में फावड़ा चलाते समय अचानक उनका औजार किसी कठोर वस्तु से टकराया। पहले तो उन्होंने सोचा कि ये कोई सामान्य पत्थर होगा, लेकिन मिट्टी साफ करने पर वहां से एक भव्य और प्राचीन हनुमान जी की मूर्ति निकली। मूर्ति को देखकर होतम सिंह हैरान रह गए और तुरंत गांव के लोगों को इसकी सूचना दी।

गांव में उमड़ी श्रद्धा की लहर


हनुमान जी की मूर्ति के प्रकट होने को गांव के लोग एक शुभ संकेत मान रहे हैं। रामनवमी के दिन यह घटना होना लोगों के लिए किसी दिव्य चमत्कार से कम नहीं है। महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी पूजा-अर्चना के लिए खेत में पहुंच गए। श्रद्धा और भक्ति का माहौल देखते ही बन रहा था।


खेत बना पूजा स्थल, शुरू हुआ भजन-कीर्तन और हनुमान चालीसा का पाठ

हनुमान जी की मूर्ति प्रकट होते ही खेत को श्रद्धा का केंद्र बना दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने खेत में ही मूर्ति की अस्थायी स्थापना की और वहीं भक्ति का माहौल बन गया। श्रद्धालु फूल, प्रसाद और चढ़ावा लेकर पहुंचने लगे, और पूरे भक्तिभाव से पूजा-अर्चना में जुट गए। हनुमान चालीसा और कीर्तन-भजन के साथ खेत गूंज उठा। मिट्टी से मूर्ति को सावधानी से साफ किया गया, उस पर चंदन और गुलाल चढ़ाया गया। इस दृश्य ने पूरे गांव को भक्ति के रंग में रंग दिया।

स्थायी मंदिर बनाने की हो रही है तैयारी


गांव वालों का मानना है कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि प्रभु बजरंगबली का सीधा आशीर्वाद है। इसी विश्वास के साथ अब ग्रामीण उस स्थल पर स्थायी मंदिर के निर्माण की योजना बना रहे हैं। कई लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए दान भी देना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि हनुमान जी ने स्वयं इस स्थान को चुना है और यह जगह भविष्य में एक तीर्थ स्थल बन सकती है।

प्रशासन से धार्मिक स्थल घोषित करने की मांग

ग्रामीण जल्द ही प्रशासन से संपर्क करने की तैयारी में हैं ताकि इस जगह को आधिकारिक रूप से धार्मिक स्थल घोषित किया जा सके। साथ ही वे मूर्ति की ऐतिहासिकता की जांच और उचित संरक्षण की मांग भी कर रहे हैं। फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन रामनवमी जैसे पवित्र दिन पर हुई इस दिव्य घटना ने पूरे क्षेत्र को श्रद्धा और भक्ति की भावना से भर दिया है।

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