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गांधी प्रतिमा पर बीजेपी की टोपी और कमल झंडा, मुजफ्फरपुर में भड़की राजनीति, आरजेडी-कांग्रेस ने किया विरोध

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बिहार के मुजफ्फरपुर में शनिवार को आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भाजपा की टोपी पहनाई गई और कमल का झंडा थमा दिया गया। इस दौरान शाहनवाज हुसैन, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और कई अन्य एनडीए सांसद एवं विधायक मौजूद थे। घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही राजनीतिक विवाद भड़क गया। विपक्षी दल कांग्रेस और राजद ने इसे राष्ट्रपिता का अपमान करार देते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रतिमा को गंगाजल से साफ किया गया।

विरोध और प्रदर्शन

घटना मीनापुर हाईस्कूल मैदान में हुई, जहां एनडीए सम्मेलन का आयोजन किया गया था। राजद विधायक मुन्ना यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ता तुरंत सड़क पर उतर आए और प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने दोषियों को सख्त सजा देने की मांग उठाई। इस दौरान विधायक ने प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर शुद्ध किया।



पुलिस ने दर्ज किया मामला

मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस मामले में सनहा दर्ज की है। थानेदार रामएकबाल प्रसाद ने बताया कि घटना उजागर होने के बाद शनिवार रात ही टोपी और झंडा जब्त कर लिया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय धरोहर का अपमान: कांग्रेस की प्रतिक्रिया

रविवार को तिलक मैदान स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें मीनापुर में गांधी प्रतिमा पर भाजपा की टोपी पहनाने की घटना की निंदा की गई और निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। मुकुल ने कहा कि यह राष्ट्रीय धरोहर और राष्ट्रपिता का अपमान है। कांग्रेस ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी और भाजपा के जिला नेतृत्व से सार्वजनिक माफी की अपेक्षा की जाएगी।

बीजेपी ने बताया साजिश

इधर, बीजेपी नेता अजय कुमार ने इस घटना को आरजेडी की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान प्रतिमा से छेड़छाड़ हुई, लेकिन इसे किसी वरिष्ठ नेता ने नहीं देखा। वहीं, राजद नेताओं ने सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया और आंदोलन की चेतावनी दी।

समाज में गहरी प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक दलों और आम जनता दोनों में गहरी प्रतिक्रिया पैदा की है। गांधी प्रतिमा पर किसी भी राजनीतिक प्रतीक का इस्तेमाल विवादों को जन्म देता है, और यह मामला भी सोशल मीडिया पर लंबे समय तक चर्चा का विषय बना हुआ है।

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