वाराणसी, 13 अप्रैल . उत्तर प्रदेश के वाराणसी में समाजवादी पार्टी के नेता हरीश मिश्रा पर हुए हमले वाले मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की है. पुलिस ने बताया कि एक पक्ष ने करणी सेना में शामिल होने से नकारा है.
एडीसीपी सरवन टी ने कहा कि 12 अप्रैल को थाना सिगरा में दो पक्षों में मारपीट की घटना की सूचना मिली थी. मौके पर पुलिस पहुंची और संबंधित पक्ष को हिरासत में लिया था. दोनों पक्षों को चोट आई थी. दोनों पक्षों की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई थी, उसी आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया. एक पक्ष करणी सेना से संबंधित नहीं है. उन्होंने खुद स्वीकार किया है कि वे करणी सेना में नहीं हैं. वे केवल करणी माता को मानते हैं. वे दूसरे पक्ष से पूछने गए थे. इसको लेकर मारपीट हुई थी.
उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से तहरीर मिली थी, दोनों पर कार्रवाई हो रही है. इस दौरान कुछ लोगों ने चंद मिनट के लिए सड़क जाम किया था. उनके विरुद्ध भी मुकदमा पंजीकृत हुआ है. हरीश मिश्रा उर्फ बनारस वाले मिश्रा ने बताया कि हमारे पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन पर करणी सेना के लोगों ने हमला किया था. उसके खिलाफ मैंने मीडिया में कहा कि यह हमला करणी सेना ने नहीं, कुकर्मी सेना ने किया है. हमला करना और किसी को जान से मारने की धमकी देना यह कुकर्म है. इसी शब्द को लेकर वे अपना अपमान बता रहे हैं और हमारे ऊपर हमला हुआ. हमें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी, जिसकी शिकायत थाने में हमारे जिला अध्यक्ष ने करवाई थी.
उन्होंने कहा कि कल सात से आठ लोगों ने मेरे घर के बाहर तमंचा और चाकू लेकर मुझ पर हमला कर दिया. यह घटना सीसीटीवी में दर्ज है. विपक्षी कह रहे थे कि वे बात करने गए थे. लेकिन उनके व्यवहार से पता चलेगा कि वे क्या करने आए थे. स्थानीय लोगों की मदद से दो लोग पकड़ गए हैं, जबकि पांच लोग फरार हो गए हैं. हमारे ऊपर हमला हुआ है और पुलिस हम पर ही मुकदमा कर रही है. हमें जेल भेजने की तैयारी है. वे लोग करणी सेना के थे. उनकी आईडी है. पहले जिस लड़के ने हमला किया, वह भाजपा का सदस्य है. लेकिन पुलिस उस प्रूफ को नहीं निकाल पा रही है.
उन्होंने पुलिस पर निजी लड़ाई करार देकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि यह हमारी आवाज दबाने का प्रयास है. हमारा पूरा परिवार दहशत में है. करणी सेना का जिला अध्यक्ष पहले हथियार के साथ मेरे घर आया था, उसने फोटो अपलोड किया है. उसका भी प्रूफ है. वह पांडेपुर का हमलावर भी वहीं का है, यह भाजपा के लिए काम करता है. भाजपा ने हमला करवाया है.
इस मामले को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि समाजवादी पार्टी के जुझारू और प्रखर वक्ता व ‘बनारस वाले मिश्रा जी’ के नाम से लोकप्रिय हरीश मिश्रा पर चाकू से किया गया कातिलाना हमला बेहद निंदनीय है. उनके रक्तरंजित वस्त्र उत्तर प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था की निशानी है. सपा का हर कार्यकर्ता ऐसे हमलों को झेलने की शक्ति रखता है.
ज्ञात हो कि बनारस वाले मिश्रा जी के नाम से हरीश मिश्रा चर्चित हैं. विवादित बयानों के कारण अक्सर वह सुर्खियों में रहते हैं.
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विकेटी/एएस
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