New Delhi, 31 अक्टूबर . सीबीआई अदालत ने Friday को सफदरजंग को-ऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी मामले में 13 आरोपियों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई.
इस क्रम में करमवीर सिंह, नरेंद्र कुमार, महा नान शर्मा, पंकज मदान, आहवानी शर्मा, आशुतोष पंत, सुदर्शन टंडन, मनोज वत्स, विजय ठाकुर, विकास मदान और पूनम अवस्थी नामक 11 दोषियों को पांच साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
साथ ही, गोपाल दीक्षित (सेवानिवृत्त आईएएस) और नरेंद्र धीर (90 वर्षीय) नामक दो दोषियों को दो साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
यह मामला आरसीएस कार्यालय से झूठे और मनगढ़ंत दस्तावेजों का उपयोग करके एक बंद पड़ी सोसायटी के पुनरुद्धार में अनियमितताओं और आपराधिक साजिश से संबंधित है.
बाद में, पुनरुद्धार आदेश के आधार पर, डीडीए द्वारा सोसायटी के पक्ष में दिल्ली में रियायती दरों पर भूमि आवंटित की गई. जांच से यह भी पता चला कि Governmentी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों सहित अभियुक्तों ने जाली दस्तावेजों के आधार पर सोसायटी को धोखाधड़ी से पुनर्जीवित करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से धोखाधड़ी के माध्यम से भूमि का आवंटन प्राप्त किया.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यह मामला इस आरोप पर दर्ज किया कि आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के आधार पर सोसाइटी को पुनर्जीवित करने के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचा और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से धोखाधड़ी से भूमि आवंटन प्राप्त किया. जांच के बाद सीबीआई ने 13 फरवरी 2008 को मामले में आरोप पत्र दायर किया.
सुनवाई के बाद न्यायालय ने 13 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें सजा सुनाई.
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एमएस/डीकेपी
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