बीजिंग, 13 जुलाई . चीनी विज्ञान अकादमी के उच्च ऊर्जा भौतिकी संस्थान के मुताबिक, हाल ही में, इस संस्थान द्वारा संचालित और चीन के शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश के न्गेरी प्रीफेक्चर यानी अली प्रीफेक्चर में 5,250 मीटर की ऊंचाई पर एक रिज पर निर्मित अली आदिम गुरुत्वाकर्षण तरंग संसूचन प्रयोग का पहला चरण (अलीसीपीटी-1) पूरा हुआ और प्रकाश से पहला अवलोकन प्राप्त हुआ.
यह पहली बार है, जब चीन ने आदिम गुरुत्वाकर्षण तरंग संसूचन का प्रयोग किया है. इस प्रयोग ने चंद्रमा और बृहस्पति से विकिरण के 150 गीगाहर्ट्ज आवृत्ति बैंड की स्पष्ट तस्वीरें सफलतापूर्वक प्राप्त कीं, जो आदिम गुरुत्वाकर्षण तरंग संसूचन प्रयोगों के क्षेत्र में चीन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
बताया जाता है कि इस प्रयोग का मुख्य उपकरण अली आदिम गुरुत्वाकर्षण तरंग नंबर 1 दूरबीन (अली प्रिमोर्डियल ग्रेविटेशनल वेव टेलीस्कोप नंबर 1) चीनी विज्ञान अकादमी के उच्च ऊर्जा भौतिकी संस्थान, चीनी विज्ञान अकादमी के राष्ट्रीय खगोलीय वेधशाला और अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय आदि 16 चीनी व विदेशी वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों द्वारा 8 वर्षों में विकसित और निर्मित किया गया. इसे हाल ही में स्थापित और डीबग किया गया है. जिसने अली और चीन की राजधानी पेइचिंग के बीच दूरबीनों के रिमोट कंट्रोल और डेटा ट्रांसमिशन का सफल कार्यान्वयन किया.
इससे संबंधित उपकरणों की एंड-टू-एंड कार्यक्षमता और कोणीय विभेदन आदि मुख्य डिजाइन संकेतकों का सत्यापन किया गया है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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