पुदुक्कोट्टई, 13 अप्रैल . तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई जिले में करमबक्कुडी के पास मीनमपट्टी मीना मुनियंदावर मंदिर उत्सव के अवसर पर एक भव्य जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस रोमांचक प्रतियोगिता का उद्घाटन प्रदेश के कानून मंत्री एस. रघुपति ने किया. उद्घाटन से पहले बुलफाइटर्स ने कानून मंत्री रघुपति के सामने शपथ ली. इसके बाद मंदिर के पास बने वडिवासल (प्रवेश द्वार) से बैल बाहर निकले. जिनके कूबड़ पकड़ने के लिए बुल फाइटर्स टूट पड़े.
इस जल्लीकट्टू प्रतियोगिता में तंजावुर, त्रिची, शिवगंगा, थेनी, डिंडीगुल सहित तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से 850 बैल और 350 बुलफाइटर्स ने हिस्सा लिया. बुलफाइटर्स ने बैलों के कूबड़ को पकड़कर उन्हें नियंत्रित करने की कोशिश की. यह पारंपरिक खेल न केवल ताकत और साहस का प्रदर्शन है, बल्कि तमिल संस्कृति का अभिन्न हिस्सा भी है. प्रतियोगिता में सबसे अधिक बैलों को काबू करने वाले बुलफाइटर्स और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बैलों के मालिकों को शानदार पुरस्कार दिए गए. इनमें दोपहिया वाहन, सोने-चांदी के सिक्के, पंखे, चांदी के बर्तन और चादरें शामिल हैं.
प्रतियोगिता की सुरक्षा के लिए अलंगडी पुलिस उपाधीक्षक दीपक रजनी के नेतृत्व में 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए. इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग और अग्निशमन विभाग ने मिलकर आयोजन को सुचारू रूप से चलाने में योगदान दिया. बैलों और बुलफाइटर्स की सुरक्षा के लिए सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. आयोजन स्थल पर मेडिकल टीमें और आपातकालीन सुविधाएं भी मौजूद थीं.
इस जल्लीकट्टू ने हजारों दर्शकों को आकर्षित किया, जो उत्साह के साथ इस पारंपरिक खेल का आनंद लेने पहुंचे. मैदान में बैलों को काबू करने की कोशिश करते बुलफाइटर्स के साहसिक प्रदर्शन ने सभी का मन मोह लिया. यह स्थानीय समुदाय की वीरता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है.
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एसएचके/केआर
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