पटना, 3 जुलाई . राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ जाने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की लहर चल रही है और राज्य की जनता वर्तमान सरकार से छुटकारा चाहती है.
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही गठबंधन को लेकर बड़ा निर्णय लेगी और पूरी मजबूती से विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा, “हम और हमारी पार्टी इस वर्ष बिहार में सामाजिक न्याय की सरकार बनाने को लेकर संकल्पित हैं.” उन्होंने महागठबंधन के नेताओं से बातचीत होने की बात भी स्वीकार की.
पटना में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि भाजपा एवं एनडीए गठबंधन में शामिल पार्टियां विधानसभा चुनाव में अपनी हार के अंदेशे से चुनाव आयोग का सहारा लेकर सुदूर गांव एवं राज्य के ग्रामीण एवं मलिन बस्तियों में बसने वाले दलित, गरीब, वंचित एवं शोषित तबके के मतदाताओं के मतदान के अधिकार को छीनने का षड्यंत्र रच रही हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा निर्वाचन आयोग एवं अन्य संवैधानिक संस्थाओं का अपने पक्ष में इस्तेमाल कर बिहार एवं देश के अन्य राज्यों में चुनाव जीतना चाहती है. भाजपा के इन मंसूबों को बिहार की जनता कभी भी कामयाब नहीं होने देगी. भाजपा पर देश से क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह देश को ‘वन नेशन-वन पार्टी’ की ओर ले जाना चाहती है.
पशुपति पारस ने कहा कि चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ उनकी पार्टी उच्च न्यायालय एवं देश के सुप्रीम कोर्ट जाएगी. उन्होंने कहा, “हम लोग लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक मूल्यों को समाप्त नहीं होने देंगे.”
उन्होंने वक्फ संशोधन कानून को लेकर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार देश के मुसलमानों की संपत्तियों, मस्जिदों, मदरसों, खानकाहों को हड़पना चाहती है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एनडीए में जल्द टूट होने का दावा किया.
प्रेस वार्ता में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 5 जुलाई को पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पटना के पार्टी कार्यालय में भव्य रूप से मनाए जाने की जानकारी भी साझा की.
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एमएनपी/एबीएम/एकेजे
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