New Delhi, 25 अगस्त . राष्ट्रीय राजधानी स्थित दिल्ली विधानसभा में ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन किया गया. विट्ठलभाई पटेल के केंद्रीय विधानसभा के प्रथम भारतीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में यह सम्मेलन हुआ. Lok Sabha के स्पीकर ओम बिरला, Union Minister मनोहर लाल खट्टर और दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया.
Lok Sabha के अध्यक्ष ओम बिरला ने ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हम जिस कक्ष में आज उपस्थित हैं, वो आजादी और देश के लोकतंत्र के लिए लड़ने वालों का सभागार है. 1925 में ये पहले नेशनल असेंबली का साक्षी रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रथम निर्वाचित भारतीय अध्यक्ष बनने के शताब्दी वर्ष पर दिल्ली विधानसभा में अखिल भारतीय स्पीकर्स सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें देश की विधानसभाओं के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों ने हिस्सा लिया. ओम बिरला ने कहा कि इस कक्ष में स्वतंत्रता सेनानी औपनिवेशिक शासन के दौरान भी देश के खिलाफ लाए जाने वाले कानूनों का लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराते थे.
ओम बिरला ने आगे कहा, “हमारे संविधान निर्माताओं ने इस बात की व्यवस्था की कि सदन के अंदर बोलने वाला कोई भी व्यक्ति सरकार की आलोचना या विरोध करे तो उसे अभिव्यक्ति का विशेषाधिकार मिले.”
Union Minister मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि 100 वर्ष पूर्व 1925 में जब विट्ठलभाई पटेल चुने गए, तभी इस देश में लोकतंत्र शुरू हो गया था. Lok Sabha हो या विधानसभा, उनमें स्पीकर का काम बेहद महत्वपूर्ण होता है. आज हमें ट्रांसपेरेंसी, एआई और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना है. विधानसभा पेपर लेस हुई है, निश्चित तौर पर ये पर्यावरण के लिए बहुत ही अच्छा है. आईटी और टेक्नोलॉजी की वजह से आज हम तेजी के साथ काम कर रहे हैं.
दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता ने कहा कि यह भवन भारतीय लोकतंत्र की शुरुआत का प्रतीक है. लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने जान की बाजी को लगाकर हमें आजादी दिलाई. विट्ठलभाई पटेल ने हमें ऐसे आदर्श प्रस्तुत किए हैं, जो हम सभी के लिए एक सीख है. हमें नेशन फर्स्ट पर काम करना है. देशहित में पार्टी पॉलिटिक्स का कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आज इस व्यक्तित्व को याद करते हुए कहा जा सकता है कि वे हम सभी के आदर्श हैं. हर किसी को यह तय करना होगा कि हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है. हमें सदन में चर्चा करने का पूरा अधिकार है, लेकिन हमें हमेशा जनता के हितों का ध्यान रखने की आवश्यकता है. जब हम देश की आजादी के 100 वर्ष में कदम रखेंगे, तब हमारे देश में एक नई प्रकार की ऊर्जा होनी चाहिए.
–
डीकेपी/
You may also like
मंडप में सांवली लड़की देख लड़के ने तोड़ी शादी. किस्मत ऐसी पलटीˈ की लड़की के आगे गिड़गिड़ाया लड़का
11:30 बजे आया वीडियो कॉल रिसीव करते ही दिखा निर्वस्त्र लड़का करनेˈ लगा ऐसा काम महिला की निकल गई चीख
गधे से सीख लो ये 3 बातें, हर फील्ड में सफलता कदमˈ चूमेगी! चाणक्य नीति का वो रहस्य जो बदल देगा आपकी ज़िंदगी
दांपत्य जीवन में विश्वास की कमी से उत्पन्न संकट
बाबा वंगा की भविष्यवाणियाँ: अगस्त 2025 में संभावित आपदाएँ और चेतावनियाँ