पेरिस, 31 अगस्त . सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में चीन के चेन बोयांग और लियू यी के खिलाफ 19-21, 21-18, 12-21 से हारकर फाइनल में पहुंचने से चूक गए. भारतीय जोड़ी का कहना है कि तीसरे गेम में लय की कमी हार का कारण बनी.
हालांकि, सेमीफाइनल तक पहुंचने से उन्हें कांस्य पदक की गारंटी मिल गई और यह भी सुनिश्चित हो गया कि 2011 के बाद से हर बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में कम से कम एक पदक जीतने का भारत का सिलसिला बरकरार है.
मैच के बाद चिराग ने कहा, “हमें बिलकुल लय नहीं मिली. मुझे लगता है कि हमारी शुरुआत अच्छी नहीं रही. हमने बहुत आसानी से पॉइंट गंवाए. उनकी सर्विस भी काफी अच्छी थी. उन्होंने तीसरे गेम की शुरुआत से ही काफी अच्छी सर्विस की. हमें थोड़ा और समझदारी से खेलना चाहिए था.”
उन्होंने कहा, “वे ज्यादा आत्मविश्वास के साथ खेले, जैसा हमने पिछले मैचों में खेला था. वे हमसे ज्यादा खेल का आनंद ले रहे थे. शायद पहले गेम में जब हम आगे थे, तब भी जब वे पिछड़ रहे थे, तब भी वे अपना पूरा जोर लगा रहे थे. मुझे लगता है कि पिछले मैचों में हमने भी यही किया था.”
सात्विक ने कहा, “हमने कुछ जगहों पर बहुत अच्छा खेला. यह सब आत्मविश्वास की बात है, आप मानसिक रूप से कितने मजबूत हैं. लेकिन तीसरे गेम में लय की कीमत हमें चुकानी पड़ी.”
भारतीय जोड़ी ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन चीनी जोड़ी ने जोरदार वापसी की. पहला गेम 19-21 से हारने के बाद, उन्होंने दूसरा गेम 21-18 से जीतकर निर्णायक गेम में जगह बनाई. चीनी जोड़ी ने तीसरे गेम में 9-0 की बढ़त के साथ दबदबा बनाया और शानदार जीत हासिल कर फाइनल में पहुंच गई.
चिराग ने कहा, “मुझे लगता है कि उन्होंने तीसरे गेम की शुरुआत से ही काफी अच्छी सर्विस की. मुझे लगता है कि हम कुछ बदलाव कर सकते थे. सर्विस में ज्यादा जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि उनकी सर्विस काफी गहरी थी. लेकिन हां, यह उनकी खूबी थी कि वे हमें अपनी जगह से हटा पाए.”
टोक्यो में 2022 संस्करण में कांस्य पदक जीतने के बाद, यह सात्विक-चिराग का बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में दूसरा कांस्य पदक है.
चिराग ने कहा, “मुझे लगता है कि यह सप्ताह अच्छा रहा. कुछ बेहतरीन मैच खेले. वहां उन खिलाड़ियों को हराया, जिनके खिलाफ पिछले मैचों में हमारा रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है. लेकिन हां, दुख की बात है कि हम वह फाइनल नहीं खेल पाए.”
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पीएके/एएस
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