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पश्चिम बंगाल में जीएसटी कलेक्शन 11.43 प्रतिशत बढ़ा, ममता सरकार ने अपनी पीढ़ थपथपाई

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कोलकाता, 6 अप्रैल . पश्चिम बंगाल में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 11.43 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया, “2024-2025 में जीएसटी में हमने पिछले वर्ष की तुलना में 4,808 करोड़ रुपये अधिक एकत्र किए हैं, जो 11.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. यह राष्ट्रीय स्तर (9.44 प्रतिशत) से दो प्रतिशत अधिक है और यह हमारी बढ़ती आंतरिक वित्तीय ताकत का प्रमाण है.”

सीएम ने दावा किया कि समीक्षाधीन वित्त वर्ष के दौरान राज्य में पंजीकरण और स्टांप शुल्क के कलेक्शन में असाधारण वृद्धि देखी गई है.

उन्होंने कहा, “पंजीकरण और स्टांप शुल्क (ड्यूटी) में पंजीकृत डीड की संख्या में 60 हजार की वृद्धि हुई है, जो हमारे बाजार की गतिशीलता को दर्शाता है. वित्त वर्ष 2024-2025 में कलेक्शन पिछले वर्ष की तुलना में 1,908 करोड़ रुपये अधिक रहा है, जो 31.05 प्रतिशत की वृद्धि है.”

उन्होंने कहा कि जीएसटी के साथ-साथ पंजीकरण और स्टांप शुल्क में बेहतर कलेक्शन के आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकार आत्मनिर्भर होने तथा वित्तीय अनुशासन लागू करने पर कितना केंद्रित है.

सीएम ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाल के लोगों के कल्याण के लिए राज्य के वित्त को सुव्यवस्थित करने के प्रति गंभीर है.

हालांकि, आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि जीएसटी और पंजीकरण एवं स्टांप शुल्क कलेक्शन में सुधार किसी भी राज्य सरकार के राजकोषीय अनुशासन की संपूर्ण तस्वीर पेश नहीं करता है.

उन्होंने कहा कि वित्तीय अनुशासन की असली तस्वीर राज्य के अपने राजस्व जुटाने, व्यय की गुणवत्ता और ऋण सूचकांक जैसे कारकों में परिलक्षित होती है. इस साल की शुरुआत में नीति आयोग द्वारा जारी ‘राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक: 2025’ पर लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन इन तीनों आर्थिक संकेतकों के संदर्भ में निराशाजनक रहा है.

रिपोर्ट में मुख्य रूप से वित्त वर्ष 2022-23 की समीक्षा की गई है. इसमें कुल 18 भारतीय राज्यों के राजकोषीय स्वास्थ्य की समीक्षा की गई है और इन 18 राज्यों में पश्चिम बंगाल 16वें स्थान पर है.

एफजेड/एकेजे

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