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सीएम योगी की पहल पर प्रदेश भर में महिला एवं बाल गृहों में दिखी दीपावली की रौनक

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लखनऊ, 2 नवंबर . दीपावली का पर्व इस बार प्रदेश के महिला एवं बाल गृहों में एक अलग अंदाज में मनाया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के कई प्रशासनिक अधिकारियों ने इन गृहों को गोद लेकर बच्चों और महिलाओं के साथ दीपावली का त्योहार मनाया.

योगी सरकार की यह अनोखी पहल समाज सेवा की एक नई मिसाल पेश कर रही है, जहां अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उपस्‍थ‍ित होकर इन बच्चों के जीवन में खुशियां बिखेरीं.

इस दीपावली अधिकारी अपने-अपने परिवार के साथ बाल गृहों में पहुंचकर बच्चों के साथ दीप जलाए, मिठाई बांटी, और उनका हालचाल जाना. इस मौके पर इन गृहों में रह रहे बच्चों और महिलाओं के चेहरे पर भी पारिवारिक माहौल की रौनक दिखी. बच्चों ने बताया कि उनके लिए यह अनुभव बेहद खास था, क्योंकि उन्होंने पहली बार इतने सारे लोगों के साथ उत्सव मनाया. अधिकारियों ने बच्चों के साथ समय बिताते हुए यह महसूस कराया कि वे भी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनकी खुशियां भी उतनी ही कीमती हैं, जितनी किसी अन्य व्यक्ति की.

मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एक शासनादेश जारी कर अधिकारियों को प्रदेश भर में संचालित महिला एवं बाल गृहों को गोद लेकर उनके साथ त्योहार पर समय बिताने का निर्देश दिया था. इसके बाद, इन गृहों में एक नई ऊर्जा और खुशियों का संचार हुआ. बच्चों और महिलाओं को ऐसा लगने लगा कि वे भी किसी परिवार का हिस्सा हैं. अधिकारियों ने इन गृहों में पहुंचकर न केवल औपचारिक निरीक्षण किया, बल्कि बच्चों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश की. इस पहल के चलते दीपावली का पर्व इन बच्चों के लिए एक यादगार अनुभव बन गया.

दीपावली के इस अवसर पर केवल खुशियां ही नहीं बांटी गईं, बल्कि अधिकारियों ने इन बच्चों की शिक्षा में सहयोग करने का भी संकल्प लिया. शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि अधिकारी अपने स्तर पर बच्चों की पढ़ाई में मदद कर सकते हैं. कई अधिकारियों ने इन बच्चों को ट्यूशन, स्टेशनरी, स्कूल बैग, और अन्य शैक्षिक सामग्री प्रदान करने का भी वादा किया. सीएम योगी की इस पहल का उद्देश्य केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक ऐसा प्रयास है, जो समाज को इन बच्चों और महिलाओं के प्रति जिम्मेदार बनाता है. त्योहारों को मनाने का यह अनूठा तरीका समाज में समरसता का संदेश देता है.

अधिकारियों ने न केवल दीप जलाए, बल्कि बच्चों के साथ मिलकर रंगोली बनाई और पटाखों की जगह फुलझड़ियों से दीपावली मनाई. इस पहल का एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि इन बच्चों को भी समाज से जोड़ा जाए और उन्हें यह महसूस कराया जाए कि वे भी इस समाज का अभिन्न हिस्सा हैं.

दीपावली पर इस पहल से समाज और प्रशासन के बीच एक नए सामंजस्य का विकास हुआ है. इस पहल ने अधिकारियों के मन में सेवा की भावना को और गहरा किया है. उनके द्वारा किया गया यह प्रयास न केवल इन बच्चों और महिलाओं के जीवन में खुशियां भर रहा है, बल्कि समाज को यह सिखा रहा है कि हर व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है. यह एक ऐसा कदम है, जो समाज सेवा के एक नए स्वरूप को दर्शाता है और भविष्य में इसे अधिक व्यापक स्तर पर लागू करने का संदेश देता है.

महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य महिला एवं बाल गृहों में रह रहे बच्चों और महिलाओं को भावनात्मक और शैक्षणिक सहयोग प्रदान करना है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा दिया गया यह समय बच्चों और महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो उन्हें एक परिवार की अनुभूति कराता है. इस कदम ने समाज सेवा का एक नया उदाहरण पेश किया है, जहां समाज के अन्य वर्ग भी प्रेरित होकर अपनी ओर से इन बच्चों की सहायता कर सकते हैं.

प्रदेश में महिला एवं बाल गृहों में दीपावली का यह विशेष आयोजन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समाज सेवा की भावना को बढ़ावा देने का एक अनूठा उदाहरण है. इस पहल ने बच्चों और महिलाओं के जीवन में खुशियों और सकारात्मकता का संचार किया है. इस तरह के कार्यक्रमों को आगे भी त्योहारों पर निरंतर जारी रखने की योजना है.

एबीएम/

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