पुरी, 8 अगस्त . विश्व प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट और पद्मश्री सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने रक्षाबंधन के पावन अवसर पर एक बार फिर अपनी कला का जादू बिखेरा है.
उन्होंने पुरी के समुद्र तट पर भगवान जगन्नाथ की रेत से एक आकर्षक मूर्ति बनाई है, जो भक्ति, सांस्कृतिक गौरव और देशभक्ति का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है. यह 6 फीट ऊंची रेत मूर्ति न केवल कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी समेटे हुए है.
इस खास कलाकृति में सुदर्शन पटनायक ने महाप्रभु जगन्नाथ को ‘पद्मवेश’ यानी कमल की पोशाक में खूबसूरती से चित्रित किया है. मूर्ति को राखी के रूपांकन में डिजाइन किया गया है, जो रक्षाबंधन के प्रेम और सुरक्षा के बंधन को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है.
इस रेत मूर्ति के साथ “जय जगन्नाथ” और “रक्षाबंधन की शुभकामनाएं” जैसे भावपूर्ण संदेश लिखे गए हैं, जो दर्शकों के मन को छूते हैं. इसके साथ ही, “स्वदेशी अपनाएं” का संदेश नागरिकों से स्थानीय उत्पादों का समर्थन करने की अपील करता है.
इस पहल के बारे में बात करते हुए सुदर्शन पटनायक ने कहा, “रक्षाबंधन के अवसर पर हमने महाप्रभु जगन्नाथ की एक अद्भुत रेत मूर्ति बनाई है. यह रेत मूर्ति मेरे लिए केवल एक कला नहीं, बल्कि भक्ति और देशभक्ति का एक माध्यम है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के अपील को भी बढ़ावा देता है. यह हमें अपने देश में बनी वस्तुओं के उपयोग और प्रचार के लिए प्रोत्साहित करता है. रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार पर यह मूर्ति भाई-बहन के प्रेम के साथ-साथ स्वदेशी के प्रति जागरूकता का संदेश देता है.”
यह रेत मूर्ति पुरी समुद्र तट पर आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया है. सुदर्शन पटनायक की यह कृति न केवल रक्षाबंधन के पवित्र बंधन को बल्कि स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा देता है.
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एकेएस/जीकेटी
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