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हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से 3 राष्ट्रीय राजमार्ग और 583 सड़कें बंद, 14 सितम्बर तक यलो अलर्ट

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शिमला, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran News). Himachal Pradesh में सक्रिय मानसून के चलते शुक्रवार को कई जगह रुक-रुक कर बारिश जारी रही. राजधानी शिमला में बादलों के बीच घनी धुंध छाई रही. मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में 14 सितम्बर तक गरज के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी है. इस बीच भूस्खलन और बारिश के कारण कई सड़कें और राजमार्ग बंद हो गए हैं.

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह तक प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल 583 सड़कें बाधित रहीं. इनमें कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 समेत 204 सड़कें, मंडी में 156, शिमला में 57, कांगड़ा में 44, चंबा में 35 और ऊना में एनएच-503ए सहित 19 सड़कें अवरुद्ध हैं.

भारी बारिश से बिजली और पेयजल आपूर्ति पर भी असर पड़ा है. प्रदेश में 806 बिजली ट्रांसफार्मर और 364 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं. इनमें सबसे ज्यादा 539 ट्रांसफार्मर कुल्लू, 206 मंडी और 20-20 शिमला व सोलन में प्रभावित हुए हैं. पेयजल योजनाओं में कांगड़ा की 176, शिमला की 91 और मंडी की 51 योजनाएं बाधित हुई हैं.

मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने लगातार तीन दिन तक यलो अलर्ट जारी किया है.

  • 12 सितम्बर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, शिमला और सिरमौर जिलों में अंधड़ व बिजली गिरने की संभावना है.

  • 13 सितम्बर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है.

  • 14 सितम्बर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट रहेगा.

15 से 18 सितम्बर तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन इन दिनों के लिए कोई अलर्ट नहीं जारी किया गया. बीती रात से सुबह तक मुरारी देवी में 75 मिमी, मंडी में 61 मिमी और सुंदनगर में 52 मिमी बारिश दर्ज की गई.

मानसून का कहर
इस सीजन में Himachal Pradesh को भारी तबाही झेलनी पड़ी है. अब तक 380 लोगों की मौत, 40 लोग लापता और 447 लोग घायल हुए हैं. सर्वाधिक 61 मौतें मंडी जिले में दर्ज की गईं. मकानों, दुकानों और गौशालाओं को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है.

अब तक 1,280 मकान पूरी तरह ढह गए और 5,469 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके अलावा 480 दुकानें और 5,762 गौशालाएं नष्ट हुईं. पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1,983 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है.

प्रारंभिक आकलन के मुताबिक प्रदेश को अब तक 4,313 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है. इस दौरान राज्य में 137 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं.

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