जकार्ता, 6 अक्टूबर . इंडोनेशिया में स्कूल की इमारत गिरने की घटना में मौत का आंकड़ा 53 तक पहुंच चुका है. पूर्वी जावा प्रांत के सिदोअर्जो में स्कूल की इमारत ढह गई, जिससे मलबे में कई लोग फंस गए. अब तक 53 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पीड़ितों का रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. क्षेत्रीय बचाव अधिकारियों ने Monday को यह जानकारी दी.
पूर्वी जावा खोज एवं बचाव कार्यालय के प्रमुख नानंग सिगिट के अनुसार, ज्वाइंट रेस्क्यू टीम ने Sunday शाम सिदोअर्जो रीजेंसी के अल खोजिनी इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल परिसर के मलबे के नीचे से आठ शव बरामद किए.
बता दें कि घटना के बाद लगातार आठवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और अब तक कुल 157 पीड़ितों के बारे में जानकारी मिली. पीड़ितों में 104 जीवित बचे हैं और 53 की मौत हो गई.
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, स्कूल की यह इमारत 29 सितंबर को ढह गई थी. घटना के दौरान सैकड़ों छात्र वहां नमाज पढ़ रहे थे.
घटना किस वजह से हुई, उसे लेकर जांच की जा रही है. सिदोअर्जो के जिला प्रमुख सुबांडी ने Police के पूर्व बयानों की पुष्टि की. Police की ओर से कहा गया था कि स्कूल प्रबंधन परियोजना शुरू करने से पहले आवश्यक निर्माण परमिट प्राप्त करने में विफल रहा था.
इंडोनेशिया के 2002 भवन निर्माण संहिता के अनुसार, किसी भी निर्माण गतिविधि से पहले संबंधित अधिकारियों से परमिट प्राप्त करना जरूरी है. नियमों का पालन न करने पर जुर्माना या कारावास हो सकता है. इसके अलावा, यदि उल्लंघन के कारण मृत्यु हो जाती है, तो दंड में 15 साल तक की जेल और 8 अरब रुपिया (लगभग 500,000 डॉलर) तक का जुर्माना शामिल हो सकता है.
मलबे में फंसे स्कूली छात्रों में ज्यादातर बच्चे 12 से 19 साल के बीच के बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद नोटिस बोर्ड पर दी गई जानकारी के अनुसार करीब 65 छात्रों का कुछ पता नहीं चल पाया था. घटना की चपेट में आए छात्रों के परिजनों का बुरा हाल हो रहा है.
इनमें से सभी स्टूडेंट्स सातवीं से बारहवीं क्लास के लड़के थे. जीवित बचे लोगों ने बताया कि छात्राएं इमारत के दूसरे हिस्से में प्रार्थना कर रही थीं और हादसे के वक्त किसी तरह बच निकलीं.
इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि स्कूल में दो मंजिलें थीं, लेकिन बिना अनुमति के और मंजिलें बनाई जा रही थीं. Police ने कहा था कि पुरानी इमारत की नींव कंक्रीट की दो मंजिलें नहीं संभाल पाएगी और ढलाई के दौरान ढह गई.
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केके/डीएससी
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