New Delhi, 20 जुलाई . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने इंडी गठबंधन की बैठक के बाद कई अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा और विपक्ष के रुख को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि बैठक में सभी दल एक स्वर में सहमत हुए कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
समाचार एजेंसी से खास बातचीत में प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो पहलगाम में पर्यटकों पर हमला हुआ, वह सिर्फ आतंकवादी हमला नहीं, बल्कि एक बड़ा इंटेलिजेंस फेल्योर था. पूरी दुनिया जानती थी कि वहां पर्यटक जा रहे हैं, लेकिन कश्मीर पुलिस को खबर नहीं थी? वहां की पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है क्योंकि वहां उपराज्यपाल शासन है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा कि आतंकी कहां गए? जमीन खा गई या आसमान निगल गया?
बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राज्य में दलितों, अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों और गरीब सवर्णों के नाम मतदाता सूची से भाजपा के इशारे पर हटाए जा रहे हैं. यह लोकतंत्र की हत्या है और इसे संसद में जोरशोर से उठाया जाएगा. विदेश नीति पर केंद्र सरकार की नाकामी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया. यह विदेश नीति की विफलता का प्रमाण है. इसके साथ ही उन्होंने गाजा में जारी हिंसा, चीन के आक्रामक रवैये और ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने के चीन के निर्णय को लेकर भी केंद्र को घेरा.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि विपक्ष संसद में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को जोर-शोर से उठाएगा, जिनमें पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर में भारत की स्थिति, विदेश नीति की कथित असफलता, बिहार में मतदाता सूची से नाम हटाने की कथित साजिश, गाजा में जारी नरसंहार, चीन की बढ़ती गतिविधियां, ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध निर्माण, Ahmedabad विमान हादसा और डीलिमिटेशन का मुद्दा शामिल हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये मुद्दे केवल राजनीतिक नहीं हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और लोकतंत्र से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं, और विपक्ष इन पर सरकार से जवाब मांगेगा.
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की मानसिकता को देशद्रोही बताया, तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि भाजपा हमें देशभक्ति का पाठ न पढ़ाएं. जब इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटा, तब यह लोग कहां थे? हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है – इंदिरा जी ने, राजीव जी ने. हमें उन लोगों से प्रमाणपत्र नहीं चाहिए जो अंग्रेजों की फौज में भर्ती होने का आह्वान कर रहे थे.
‘कोई भी ताकत भारत पर हुक्म नहीं चला सकती’, ट्रंप के दावों के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस बयान पर उन्होंने कहा, ” मैंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कोई बयान नहीं सुना, लेकिन सवाल यह है कि प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं? अमेरिका के राष्ट्रपति बार-बार बयान दे रहे हैं, पांच लड़ाकू विमान गिरने की बात होती है और प्रधानमंत्री कुछ नहीं कहते?” उन्होंने तंज कसा, ” कौन कह रहा है कि विमान भारत के थे? प्रधानमंत्री संसद में जवाब दें.”
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पीएसके/केआर
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