New Delhi, 29 जुलाई . Lok Sabha में Monday को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की वैश्विक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के ‘परिवर्तनकारी’ प्रभाव के बारे में बताया.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मोदी सरकार ने भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को पुनर्संयोजित किया है, रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत किया है, और एक निर्णायक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की छवि को मजबूत किया है, जो पिछली सरकारों से बिल्कुल अलग है.
उन्होंने टिप्पणी की कि जहां पिछली सरकारें मुख्य रूप से सीमा पार आतंकवाद के बावजूद कूटनीतिक संवाद बनाए रखने पर केंद्रित थीं, वहीं वर्तमान प्रशासन ने ‘सैन्य संकल्प द्वारा समर्थित कूटनीतिक शक्ति’ पर आधारित नीति अपनाई है.
मंत्री के अनुसार, इस बदलाव ने भारत की अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने हितों को प्रस्तुत करने की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है.
जयशंकर के अनुसार, प्रमुख उपलब्धियों में से एक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सरकार द्वारा प्रभावी ढंग से संभालना था. सीमा पार से पैदा होने वाले आतंकी खतरों के प्रति एक सुनियोजित प्रतिक्रिया के रूप में, यह ऑपरेशन न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि एक कूटनीतिक जीत भी थी. इसने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को रेखांकित किया और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त किया.
उन्होंने कहा कि इस दौरान 190 से अधिक देशों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की, और कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति के तहत भारत द्वारा अर्जित वैश्विक विश्वसनीयता का प्रमाण है.
जयशंकर का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण ने भारत के राजनयिक जुड़ाव को एक व्यापक रणनीति में बदल दिया है जो आर्थिक कूटनीति, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक पहुंच को एकीकृत करती है. उन्होंने दुनिया के प्रमुख देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों का हवाला दिया. इनमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देश शामिल हैं. जयशंकर ने कहा कि यह एक अधिक सूक्ष्म और प्रभावी विदेश नीति का प्रमाण है.
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, भारत ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि ‘क्वाड’ और ‘जी20’ जैसे बहुपक्षीय मंचों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में भी उभरा है.
जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की क्षेत्रीय और बहुपक्षीय कूटनीति ने रणनीतिक लाभ प्रदान किए हैं. उन्होंने इसके लिए दो विशिष्ट उदाहरण मालदीव और ब्रिक्स का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में, मालदीव के साथ भारत के संबंध इस हद तक बिगड़ गए थे कि एक भारतीय कंपनी को प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना से निष्कासित कर दिया गया था. इसके ठीक विपरीत, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, और अब भारत को दो नए एयरपोर्ट के निर्माण का कार्यभार सौंपा गया है, जो पुनः प्राप्त विश्वास और प्रभाव का एक शक्तिशाली प्रतीक है.
बहुपक्षीय मोर्चे पर, जयशंकर ने ब्रिक्स समूह के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें चीन, रूस और ईरान जैसे पारंपरिक रूप से गुटनिरपेक्ष या यहां तक कि विरोधी देश भी शामिल हैं. इन गतिशीलताओं के बावजूद, ब्रिक्स ने पहलगाम आतंकी हमले और सीमा पार आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की, एक कूटनीतिक सफलता जिसका श्रेय उन्होंने वर्तमान सरकार के तहत भारत की विश्वसनीयता और दृढ़ता को दिया.
–
एससीएच
The post विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘ब्रिक्स’ से मालदीव तक पीएम मोदी के वैश्विक प्रभाव के बारे में बताया appeared first on indias news.
You may also like
Viral:चलती ट्रेन में कपल करता रहा अश्लील हरकतें, देखते रहे लोग, फिर भी नहीं रुके
'हमारे पास एक आखिरी मौका', पांचवें टेस्ट से पहले गौतम गंभीर ने भरा खिलाड़ियों में जोश
अमरनाथ तीर्थयात्रा: 1,490 तीर्थयात्रियों का 27वाँ जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए रवाना
SSC MTS Vacancy 2025: एसएससी एमटीएस वालों के लिए खुशखबरी, वैकेंसी घोषित, बढ़ गए हवलदार के पद, देखें नोटिस
मुंबई: वानखेड़े स्टेडियम से 6.52 लाख की आईपीएल जर्सी चोरी, एफआईआर दर्ज