फोज डू इगुआकु (ब्राजील), 6 अप्रैल . भारतीय मुक्केबाजी दल ने विश्व मुक्केबाजी द्वारा आयोजित एलीट स्तर की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपने पहले प्रदर्शन में प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसमें फोज डू इगुआकु में विश्व मुक्केबाजी कप ब्राजील 2025 में एक स्वर्ण और एक रजत सहित छह पदक जीते.
हितेश विश्व मुक्केबाजी कप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए. उनके प्रतिद्वंद्वी, इंग्लैंड के ओडेल कामारा घायल हो गए और 70 किग्रा के फाइनल में रिंग में नहीं उतर सके.
65 किग्रा वर्ग में फाइनल में पहुंचने वाले अन्य भारतीय मुक्केबाज अभिनाश जामवाल ने स्थानीय पसंदीदा यूरी रीस के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन अनुकूल फैसला पाने के लिए पर्याप्त प्रदर्शन नहीं कर सके और रजत पदक जीता.
चार भारतीय खिलाड़ियों ने कांस्य पदक जीते, जिनमें जदुमणि सिंह मंडेंगबाम (50 किग्रा), मनीष राठौर (55 किग्रा), सचिन (60 किग्रा) और विशाल (90 किग्रा) शामिल हैं.
विश्व मुक्केबाजी कप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने के बाद हितेश ने टूर्नामेंट से पहले ब्राजील में 10 दिवसीय तैयारी शिविर का श्रेय दिया, जिससे उन्हें और टीम को काफी मदद मिली.
हितेश ने कहा, “शिविर ने मुझे कुछ सामरिक बारीकियां सीखने में मदद की, जिससे मुझे प्रतियोगिता में काफी मदद मिली. इस टूर्नामेंट ने हमें उच्चतम स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने का मौका दिया और मुझे खुशी है कि मैं स्वर्ण पदक जीत सका.”
भारत ने पेरिस ओलंपिक के बाद अपने पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन, विश्व मुक्केबाजी कप के लिए 10 सदस्यीय दल उतारा था और छह पदक जीते. इससे न केवल टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि लॉस एंजेलिस खेलों से पहले 2028 ओलंपिक चक्र की तैयारी भी शुरू होगी.
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आरआर/
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