Mumbai , 23 सितंबर . फिल्म निर्माता और प्रोड्यूसर महेश भट्ट इन दिनों अपनी अगली फिल्म ‘तू मेरी पूरी कहानी’ की रिलीज को लेकर चर्चा में हैं. फिल्म 26 सितंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. इस मौके पर उन्होंने अपने फिल्म निर्माण के तरीकों को लेकर कुछ अहम बातें साझा की.
से बात करते हुए महेश भट्ट ने कहा कि वह हमेशा से कम बजट में फिल्में बनाते आए हैं और यही उनकी खासियत भी है. उनका मानना है कि जब फिल्म का खर्चा कम होता है, तब फिल्मकार को कुछ नया कहने की आजादी मिलती है.
महेश भट्ट ने कहा, “फिल्म का बजट कम रखने से जोखिम भी कम हो जाता है. जब फिल्म में पैसा कम लगाया जाता है, तो उस पर बाजार का दबाव नहीं होता और डर भी नहीं रहता कि फिल्म चलेगी या नहीं. इस तरह से रचनात्मकता को आजादी मिलती है और फिल्मकार अपने मन की बात कह पाता है.”
से बातचीत में उन्होंने कहा, “फिल्मों में जब खर्च बढ़ जाता है, तो डर भी बढ़ता है और यही डर बाजार को फिल्मों को लेकर सतर्क बना देता है. फिर बाजार बड़े स्टार्स की तरफ झुकता है ताकि नुकसान का खतरा कम हो. लेकिन बड़े स्टार्स खुद भी बाजार के डर से घिरे रहते हैं. वे सोचते हैं कि अगर फिल्म नहीं चली तो क्या होगा. इस तरह से फिल्में डर के माहौल में बनती हैं, न कि रचनात्मक आजादी के साथ.”
भट्ट ने आगे कहा, ”डर से बनी फिल्मों में कुछ पुरानापन का एहसास होता है. जब कोई फिल्म किसी पुराने फार्मूले पर बनाई जाती है, तो वह केवल पिछली सफलताओं की नकल बनकर रह जाती है. इसके उलट, जब कोई रचनात्मक काम प्यार और जुनून से किया जाता है, तो उसमें एक अलग ही ऊर्जा और निडरता होती है. यही निडरता नए कलाकारों और नए विचारों में झलकती है. ऐसे ही लोग कुछ नया और सच्चा दिखा पाते हैं.”
महेश भट्ट ने कहा कि जो चीज एक कलाकार को दिल से अच्छी लगती है, वो ही आम दर्शक को भी छू जाती है. इसलिए यह सोच कि किसी फिल्म को हिट बनाने के लिए बड़े नाम या भारी भरकम बजट जरूरी हैं, यह सिर्फ एक भ्रम है. असली ताकत उस प्यार और जुनून में होती है, जिससे फिल्म बनाई जाती है.
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पीके/एएस
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