इंफाल, 3 अक्टूबर . पूर्व विधायक ओकराम जॉय सिंह ने कथित 29 करोड़ रुपए के विधानसभा व्यय घोटाले की जांच के लिए Prime Minister, Governor, Lok Sabha अध्यक्ष और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा है.
सात बार विधायक रह चुके जॉय सिंह, जो पूर्व उपाध्यक्ष और कानून मंत्री भी रहे, ने Lok Sabha समिति गठन की मांग की. कांग्रेस भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 26 सितंबर 2025 को इंडिया टुडे (उत्तर-पूर्व) में प्रकाशित रिपोर्ट ने वित्तीय अनियमितताओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2025 में विधानसभा के विभिन्न मदों पर खर्च में मछली चारे पर 2.88 करोड़, खाद व पौधों (फूमदी सहित) पर 4.85 करोड़, मौसमी फूलों के पौधों पर 3 करोड़, पेयजल पर 2.7 करोड़, भूमि खुरचन पर 1.2 करोड़, स्टेशनरी पर 2.4 करोड़, समिति कार्यों पर 1.9 करोड़, जलपान पर 1.77 करोड़, मसालों पर 62 लाख, प्रसाधन सामग्री पर 98 लाख और डिस्पोजेबल वस्तुओं पर 2.7 करोड़ रुपए का व्यय शामिल है. कुल मदवार खर्च करीब 25 करोड़ था, लेकिन फर्मवार बिलिंग में 29.22 करोड़ दिखाया गया, जो विसंगति का आधार बनी.
जॉय सिंह ने कहा कि यह विधानसभा, अध्यक्ष और सचिवालय की छवि को धूमिल करता है तथा सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है. उन्होंने ब्रिटिश संसदीय इतिहास के सर जॉन ट्रेवर मामले (1693-97) और मुद्गल समिति रिपोर्ट (1951) का हवाला देते हुए सदन समिति की मांग की. वैकल्पिक रूप से, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की टीम, मणिपुर उच्च न्यायालय के पैनल या सीबीआई जांच का सुझाव दिया.
मणिपुर की हजारों वर्ष पुरानी स्वशासन परंपरा को धूमिल न होने दें, संसदीय लोकतंत्र को शुद्ध करें. यह घोटाला मणिपुर की अस्थिरता के बीच उजागर हुआ, जहां 2023 से चली आ रही हिंसा ने राज्य को प्रभावित किया. जॉय सिंह ने समयबद्ध जांच पर जोर दिया, ताकि जिम्मेदारों की पहचान हो.
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एससीएच
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