New Delhi, 9 अगस्त . उत्तराखंड में आई प्राकृतिक त्रासदी को दूसरे धर्म के तिरस्कार का नतीजा बताए जाने की भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल ने निंदा की. उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह कहना कि त्रासदी का कारण “दूसरे धर्मों का सम्मान न करना” है, पूरी तरह बेबुनियाद और गलत है. प्राकृतिक आपदाएं प्रकृति की देन हैं और इन्हें किसी धर्म या समुदाय से जोड़ना अनुचित है.
उन्होंने कहा, “प्राकृतिक त्रासदी कहीं भी, कभी भी आ सकती है. यह किसी धर्म के अपमान से तय नहीं होता है. यह कहना कि उत्तराखंड में किसी अन्य धर्म का सम्मान नहीं हो रहा, जिसके कारण यह आपदा आई, बिल्कुल गलत है.”
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासित राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन राज्यों में सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाता है. कुछ लोग सनातन धर्म को अपमानित करने का मौका नहीं छोड़ते, जो एक तथ्य है, लेकिन इसे आपदा से जोड़ना तर्कहीन है.
उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्यों की चर्चा करते हुए प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि State government और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं. Chief Minister स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है. त्रासदी से निपटने के लिए शासन-प्रशासन की चुस्ती और तत्परता ही मायने रखती है, न कि बेबुनियाद धार्मिक दावे.
इसके अलावा, उन्होंने भाषा विवाद पर भी अपनी राय रखी, खासकर तमिलनाडु और अन्य राज्यों में भाषा को लेकर उठ रहे मुद्दों पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में सभी भारतीय भाषाओं, जिनमें तमिल भी शामिल है, को पूरा सम्मान दिया गया है. कुछ State government ें विकास के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाषा जैसे विवाद खड़े कर रही हैं.
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी खंडेलवाल ने निशाना साधा और कहा कि राहुल गांधी द्वारा चुनावों में “वोट चोरी” और “फर्जी वोट” जैसे बयान बेबुनियाद हैं. यदि कांग्रेस 70 साल तक सत्ता में रही, तो क्या वह भी वोट चोरी करके सत्ता में थी? राहुल गांधी को तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए और बिना आधार के बयान देने से बचना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस समय जरूरत एकजुटता और सहानुभूति की है, न कि धार्मिक या भाषाई विवादों की. उत्तराखंड में चल रहे राहत कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता प्रभावित लोगों की मदद करना है.
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एसएचके/एएस
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