नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ से चीन की हालत खराब होने वाली है। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के ज्यादातर उद्योग अमेरिकी टैक्स के मौजूदा स्तर पर टिक नहीं पाएंगे। अभी टैक्स लगभग 40% है। जबकि साल 2024 में उद्योगों का औसत मुनाफा लगभग 14.8% है।
विश्लेषकों चांग शू, डेविड क्व और माएवा कजिन का कहना है कि इस अंतर की वजह से कंपनियां कीमतें और कम कर सकती हैं। इससे मुनाफा घटेगा। सबसे बुरी स्थिति में नौकरियां जा सकती हैं और दिवालिया होने और कारोबार बंद होने की नौबत आ सकती है।
इन उद्योगों पर ज्यादा खतरा
रिपोर्ट के मुताबिक टेक्सटाइल, IT और कम्युनिकेशन उपकरण और फर्नीचर बनाने वाले उद्योग सबसे ज्यादा खतरे में हैं। विश्लेषकों ने 33 उद्योगों पर विचार किया। उनमें से सिर्फ पांच ऐसे हैं जिनका मुनाफा टैक्स की दर से ज्यादा है। इनमें दवा, तंबाकू और तेल और गैस निकालने वाले उद्योग शामिल हैं।
चांग शू के नेतृत्व में अर्थशास्त्रियों ने एक रिसर्च नोट में लिखा है कि अमेरिका के बाजार पर बहुत ज्यादा निर्भर रहने वाली कुछ कंपनियां शायद ही बच पाएं। उन्होंने आगे लिखा है कि दूसरी कंपनियां खुद को ढालने की कोशिश करेंगी। ये कंपनियां कम मुनाफे में काम करेंगी, कर्मचारियों को निकालेंगी, वेतन में कटौती करेंगी और सस्ते सामानों से घरेलू और विदेशी बाजारों को भरने की कोशिश करेंगी।
खतरे में चीन की अर्थव्यवस्था
इन बातों से पता चलता है कि टैक्स से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को कितना खतरा है। इस समय चीन में लोग ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं। व्यापार अधिकारी अमेरिका के साथ एक समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि टैक्स और न बढ़ें। इस साल की शुरुआत में चीन पर टैक्स 145% तक बढ़ गया था।
इस हफ्ते के आंकड़ों से पता चला है कि चीन की तरक्की उद्योगों और निर्यात पर कितनी निर्भर है। दूसरी तिमाही में चीन की जीडीपी 5.2% बढ़ी है, जो अनुमान से ज्यादा है। लेकिन यह इसलिए हुआ क्योंकि कंपनियों ने जल्दी-जल्दी सामान भेजा और कीमतें कम कर दीं। यह हमेशा नहीं चल सकता।
चीन को अमेरिका की कितनी जरूरत
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के विश्लेषण में पाया गया कि चीन के लगभग आधे उद्योगों को अपना 10% या उससे ज्यादा सामान बेचने के लिए विदेशी बाजारों की जरूरत होती है। अमेरिका अभी भी चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर टैक्स ज्यादा रहे तो अमेरिका की कंपनियां दूसरे देशों से सामान खरीदने लगेंगी।
…लेकिन कुछ रास्ते खुले हैं
कुछ चीजें हैं जो चीन के उद्योगों को नुकसान से बचा सकती हैं। जैसे कि उन दूसरे देशों को निर्यात करना जहां सामान पर उतना टैक्स नहीं लगता। कुछ सामान घरेलू बाजार में भी बिक सकते हैं। कुछ उद्योगों ने पूरी दुनिया के बाजार पर कब्जा कर लिया है, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए जरूरी सामान कहीं और से ढूंढना मुश्किल या नामुमकिन है। चीन की सरकार भी वित्तीय मदद दे सकती है।
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