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AAP ने करवाया जिन सरकारी स्कूलों का निर्माण, उनमें घोटाले की आशंका…होगी विजिलेंस जांच, मंत्री प्रवेश वर्मा ने दिए आदेश..

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Delhi Politics: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की पिछली सरकार के दौरान सरकारी स्कूलों में हुए निर्माण कार्यों पर अब सवाल उठ रहे हैं. दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने इन स्कूलों के निर्माण की गुणवत्ता और प्रक्रिया की विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं. यह कदम पालम क्षेत्र के एक स्कूल के निरीक्षण के बाद उठाया गया. जहां गंभीर खामियां सामने आईं.

निरीक्षण में खुली पोल

शुक्रवार को प्रवेश वर्मा ने पालम में सरकारी स्कूलों का दौरा किया. इस दौरान स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि बारिश के मौसम में कक्षाओं की छतों से पानी टपकता है. जिससे पढ़ाई में बाधा पहुंचती है. स्थानीय निवासियों ने भी क्षेत्र में जलभराव की शिकायत की. इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए वर्मा ने कहा ‘मैंने एक स्कूल का दौरा किया. जहां प्रिंसिपल ने मुझे इमारत में बाढ़ जैसी स्थिति की शिकायत की. यह स्कूल पिछली सरकार द्वारा बनवाया गया था. मैंने न केवल इस स्कूल बल्कि सभी स्कूलों की जांच का आदेश दिया है जो उस समय बनाए गए थे.’

जांच का दायरा

विजिलेंस जांच का उद्देश्य स्कूलों के निर्माण में हुए टेंडर प्रक्रिया, रखरखाव अनुबंधों और कार्य की गुणवत्ता की जांच करना है. प्रवेश वर्मा ने स्पष्ट किया कि यह जांच पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जनता के पैसों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी है. खास तौर पर यह देखा जाएगा कि क्या निर्माण कार्यों में मानकों का पालन हुआ या कोई अनियमितता बरती गई. पालम के स्कूल में छत टपकने और जलभराव की समस्या ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं जिसके बाद यह कदम उठाया गया.

आप सरकार पर सवाल

आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य करवाए थे. आप ने इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित किया लेकिन अब इन स्कूलों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. प्रवेश वर्मा ने संकेत दिए कि पिछली सरकार के दौरान टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं हो सकती हैं. उन्होंने कहा ‘हमें यह सुनिश्चित करना है कि जनता का पैसा सही जगह लगे और बच्चों को सुरक्षित और बेहतर पढ़ाई का माहौल मिले.’

प्रवेश वर्मा ने यह भी बताया कि वह नजफगढ़ और अन्य क्षेत्रों में भी स्कूलों का दौरा करेंगे ताकि स्थिति का जायजा लिया जा सके. जांच के दौरान टेंडर से लेकर रखरखाव तक हर पहलू की बारीकी से जांच होगी. अगर खामियां पाई गईं तो स्कूलों की मरम्मत और सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे. दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि बच्चों को ऐसी कक्षाएं मिलें जो सुरक्षित और पढ़ाई के लिए अनुकूल हों.

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