Premanand Maharaj : राधा रानी के महान भक्तों में से एक श्री प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) अपने प्रवचनों और शिक्षाओं के लिए लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुके हैं। उनके प्रवचनों को सुनना और उनका पालन करना आपको भक्ति के मार्ग पर ले जा सकता है और बुरे आचरण से बचा सकता है। आज हम आपको बताते हैं कि प्रेमानंद महाराज शराब पीने वालों के बारे में क्या सोचते हैं और उन्हें इसे छोड़ने के लिए क्यों कहते हैं? यकीन मानिए प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के इस कथन को सुनकर यदि आप भी शराब का सेवन करते है तो आप भी शराब पीना छोड़ सकते हैं।
प्रेमानंद महाराज ने शराब को लेकर कही ये बातदरअसल एक भक्त प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) से कहता है कि ‘मैं पिछले 7-8 महीनों से फेसबुक के जरिए आपसे जुड़ा हुआ हूं। जिसकी वजह से मेरे जीवन में अच्छे बदलाव आए हैं, लेकिन मैं शराब पीना नहीं छोड़ पा रहा हूं क्योंकि मेरा मानना है कि शराब पीने से किसी को कोई नुकसान नहीं होता। कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।’
इसके जवाब में प्रेमानंद बाबा ने कहा कि ‘हमारे धर्म ग्रंथों में 3 गुणों का उल्लेख किया गया है, ये हैं सत्वगुण, रजोगुण और तमोगुण। सत्वगुण में प्राणी की उन्नति निश्चित है, लेकिन रजो और तमोगुण दुख का कारण बनते हैं। शराब घोर तमोगुणी है और इसे भी महापाप की श्रेणी में रखा गया है। ईश्वर पर ध्यान लगाने के लिए हमारा मन शुद्ध होना चाहिए, तभी हमारे कर्म भी शुद्ध होंगे।”
मदिरा सेवन को बताया हानिकारक
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने कहा कि ‘शराब पीने से कभी भी आपका भाग्य अच्छा नहीं होगा। अगर आप किसी की मदद के लिए शराब पर उतना ही पैसा खर्च करेंगे, तो आपका कल्याण जरूर होगा। शराब की लत के कारण आप न सिर्फ अपना पैसा बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि बहुत बड़ा पाप भी कर रहे हैं। आप कमजोर होने के कारण अपनी लत नहीं छोड़ पा रहे हैं, इसलिए आपने सोच लिया है कि शराब पीने से किसी को कोई नुकसान नहीं होता।
प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के अनुसार शराब पीने वाला व्यक्ति हिंसक हो जाता है और ऐसा व्यक्ति अपने से बड़ों और पूज्य लोगों का अपमान भी करता है, इसलिए हमें ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए, जो हमें नुकसान पहुंचाती हैं। अगर इसका सेवन करते रहते है तो मृत्यु के बाद भी इसका भोग भोगना पड़ता है। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, शराबियों को नर्क में अग्नि की लपटों में तपाया जाता है। साथ ही शराब पीने वालों को गर्म रक्त में उबाला जाता है। नशा करने वालों को विष नरक में भी डाला जाता है, जहां उन्हें विष पीना पड़ता है और शराब पीने वालों को कांटों के बिस्तर पर भी लिटाया जाता है, जो बहुत कष्टदायक होता है।
भगवान से लगन लगाकर शराब छोड़ने का दिया प्रवचनउन्होंने (Premanand Maharaj) सलाह दी है कि जो लोग भगवान के शरणागत हो चुके हैं। उन्हें शराब का त्याग कर भगवान की शरण में आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शराब छोड़ना कठिन हो सकता है, लेकिन असंभव कुछ भी नहीं है। कोई भी आपको शराब पीने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने शराब के हानिकारक प्रभावों की व्याख्या करते हुए कहा कि शराब के सेवन से व्यक्ति की सोच और व्यवहार नकारात्मक हो जाता है और इसका असर उसके जीवन पर पड़ सकता है। शराब पीना ही नहीं बल्कि जुआ खेलना, मांस खाना और पराई स्त्री से संबंध बनाना भी महापाप की श्रेणी में आता है और हमें इन कृत्यों से बचना चाहिए।
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