आने वाले समय में बिहार के किसानों को एक अनूठी कृषि प्रौद्योगिकी का लाभ मिलेगा, जिसमें एक ही पौधे में बैंगन और टमाटर दोनों का उत्पादन होगा। यह चमत्कारी पौधा भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर), वाराणसी द्वारा तैयार किया गया है, जिसे ब्रोमैटो कहा जाता है। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) द्वारा इन पौधों को जिले के विभिन्न प्रखंडों के किसानों को सैंपल के तौर पर वितरित किया गया है।
इस पौधे का रोपण अब किसानों द्वारा शुरू कर दिया गया है, और अगले महीने से इसके बेहतर विकास की उम्मीद जताई जा रही है। से इन पौधों में फलन की शुरुआत हो जाएगी, जिससे किसानों को ताजे और ताजगी से भरपूर बैंगन और टमाटर मिलेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रोमैटो पौधों में सिंगल क्रॉप वाले पौधों की तुलना में अधिक उत्पादन होगा।
आत्मा की ओर से किसानों को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी का भ्रमण कराया गया, जहां कृषि विशेषज्ञों ने पौधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान 200 पौधों की आपूर्ति की गई। इन पौधों को पीरपैंती, सन्हौला, कहलगांव, खरीक, शाहकुंड और नवगछिया के किसानों में बांटा गया है।
यह पौधा प्रत्येक दो से तीन दिन में ढाई से तीन किलो बैंगन और टमाटर का उत्पादन करता है। इनका फलन समय दो से ढाई महीने का होता है, जिससे किसानों को बेहतर पैदावार मिलेगी। ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर राजीव लोचन के अनुसार, ब्रोमैटो पौधा जंगली पौधों के साथ टमाटर और बैंगन की ग्राफ्टिंग तकनीक से तैयार किया जाता है, जिससे इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और सूखा सहन करने की क्षमता बढ़ जाती है।
इस नई कृषि तकनीक से बिहार के किसानों के लिए नए अवसर पैदा होंगे, और यह कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज हो सकता है।
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