पिछले लगभग साढ़े तीन सालों से जारी रूस और यूक्रेन युद्ध अब लंबा खिंचता नजर आ रहा है। ट्रंप के कई प्रयासों के बाद भी शांति स्थापित नहीं हो पाई है। ऐसे में दोनों देश एक-दूसरे की सैन्य ठिकानों या ऊर्जा संरचनाओं को निशाना बनाकर अपने दुश्मन को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को रूसी सेना ने कई यूक्रेनी सैन्य ठिकानों और गैस संरचनाओं को निशाना बनाया।
रशिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रात भर कई प्लेटफार्म्स से मिसाइलें और लंबी दूरी के ड्रोन यूक्रेन के ऊपर दागे गए। इन ड्रोन्स और मिसाइल ने बखूबी अपने लक्ष्यों को भेदा और अपना मिशन सफल बनाया।
वहीं, दूसरी ओर यूक्रेनी की तरफ से भी इस हमले की पुष्टि की गई है। यूक्रेन की सरकारी ऊर्जा कंपनी नैफ्टोगैज ने इस हमले को देश के गैस संरचनाओं पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया। कंपनी की तरफ से कहा गया कि रूस की तरफ से किए गए हमलों में उसे काफी गंभीर नुकसान हुआ है।
रूस की तरफ से लगातार यूक्रेन पर इसी तरीके से हमले किए जा रहे हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 7 सितंबर को रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव के ऊपर ड्रोन्स और मिसाइलों के जरिए हमला बोला था। इस हमले की वजह से कीव में कुल 11 घंटों तक सायरन बजता रहा था। इस हमले के दौरान रूस ने करीब 800 से ज्यादा ड्रोन तैनात किए थे, जिनमें से ज्यादातर एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराए थे लेकिन इसके बाद भी कई आवासीय भवनों और सरकारी इमारतों से जाकर फटे थे। इनकी वजह से राजधानी कीव में दो लोगों की मौत हो गई थी, इसमें एक बच्चा भी शामिल था।
इस हमले को लेकर यूक्रेनी वायुसेना की तरफ से बताया गया कि इसें रूस 810 ड्रोन्स के अलावा चार बैलिस्टिक मिसाइलें और नौ क्रूज मिसाइलें दागीं थीं। यूक्रेनी सेना के मुताबिक यह हमला जुलाई में किए गए हमले से भी काफी भय़ानक था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस की तरफ से किए गए इस हमले को कायरता पूर्ण करार दिया था। उन्होंने कहा, “ऐसी हत्याएं अब हो रही हैं, जबकि वास्तविक कूटनीति बहुत पहले शुरू हो सकती थी, यह एक जानबूझकर किया गया अपराध है और युद्ध को लम्बा खींचने जैसा है।” जेलेंस्की ने कहा, “दुनिया क्रेमलिन के अपराधियों को हत्याएं बंद करवा सकती है, हमें बस राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।
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