Diwali Cleaning Incident: दिवाली की सफाई के दौरान घरों को सुंदर बनाने का काम आम है, लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में एक हैरान कर देनी वाली घटना घटी. भीलवाड़ा शहर में एक परिवार ने सफाई के दौरान 4 लाख रुपये की कीमत के सोने के गहने गलती से कूड़े के ट्रक में फेंक दिए. जब परिवार को अपनी गलती का एहसास हुआ, तो वे हैरान रह गए और तुरंत नगर निगम के मेयर राकेश पाठक और अपने जानकारों को सूचना दी.
मेयर राकेश पाठक ने एक विशेष टीम का गठन किया, जिसने काफी मेहनत के बाद कूड़े के ढेर से खोए हुए सोने को पुनः प्राप्त कर लिया. जब परिवार को उनके खोए हुए सोने के गहने मिले, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. भीलवाड़ा नगर निगम के कर्मचारियों ने इस मामले में अपनी ईमानदारी साबित की.
चिराग शर्मा ने बताया कि दिवाली की सफाई के दौरान उन्होंने सोने को एक विशेष जगह पर रखा था. लेकिन जब कूड़े का ट्रक आया, तो गलती से सोने को कचरे के साथ फेंक दिया गया. जब उन्होंने इस गलती का एहसास किया, तो उन्होंने मेयर राकेश पाठक को सूचित किया, जिनकी टीम ने फिर से कीमती सोना खोज निकाला. परिवार को अपना सोना वापस मिल जाने पर वे अत्यंत आभारी थे.
सोना कूड़े के ट्रक में फेंक दिया था गलती से
मेयर राकेश पाठक ने बताया कि उन्हें वार्ड नंबर 27 के एक परिवार से सूचना मिली थी कि लगभग 4.5 लाख रुपये का सोना गलती से कूड़े के ट्रक में फेंक दिया गया. सोने को खोजने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई, और लगातार प्रयासों के बाद वे इसे कूड़े के ढेर से निकालने में सफल रहे. वार्ड के सुपरवाइजर और सफाई कर्मचारियों ने असाधारण ईमानदारी दिखाई, क्योंकि कोई भी इतनी कीमती वस्तु को देखकर लालच में आ सकता था, लेकिन उन्होंने सच्चाई का परिचय दिया.
वार्ड नंबर 27 के सुपरवाइजर हेमंत कुमार ने कहा कि मेयर द्वारा सूचित किए जाने के बाद उन्होंने कूड़े के ट्रक के ड्राइवर से संपर्क किया और ट्रक द्वारा लिए गए रास्ते को फॉलो किया. कुछ समय ट्रैक करने के बाद उन्होंने पाया कि कचरा ट्रांसपोर्ट नगर के कचरे के डंप में फेंका गया था. वहां पहुंचकर उन्होंने बड़े कूड़े के ढेर में खोया हुआ सोना पाया और परिवार को लौटाया. परिवार खुशी से झूम उठा, और टीम को भी अपनी खुशियों को वापस लौटाने में बहुत संतोष मिला.
कचरा उठाने वाले कचरे में शिफ्ट
सुपरवाइजर हेमंत ने बताया कि ट्रक ड्राइवर ने कचरा ट्रांसपोर्ट नगर के डंप में खाली किया था. टीम ने ढेर में खोज शुरू की और एक ऐसी जगह मिली, जो अन्य जगहों की तुलना में सुरक्षित दिख रही थी, जहां कचरा उठाने वाले कचरे में शिफ्ट कर रहे थे. इस घटना ने साबित कर दिया कि ईमानदारी और मेहनत से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है, और यह भी कि दिवाली की खुशी में सभी का योगदान होना चाहिए.
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