बलात्कार जैसे संगीन आरोप में लंबे समय से जेल में बंद आसाराम को कोर्ट से जमानत मिल गई है। 2013 के बलात्कार के मामले में गांधीनगर की निचली अदालत ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
तब से आसाराम जेल में है। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर 31 तक अंतरिम जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को अंतरिम जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। आज हम आपको उस एक केस के बारे में बताएंगे, जिसमें आसाराम पर आंख मूंदकर आस्था रखने वाले वाले परिवार की बेटी की इज्जत को तार-तार कर दिया था।
क्या था वो केस?हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शाजापुर के कस्बा रुद्रपुर में आसाराम बापू का एक आश्रम है, इस आश्रम को जिस परिवार ने बनवाया था, उनका आसाराम पर काफी गहरी आस्था थी। उस परिवार की आस्था का आलम ये था कि, उसने अपने बच्चे को पढ़ने के लिए 877 किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा भेजा। बता दें कि, इस दूरी को तय करने में 15 घंटे का समय लगता है। उस परिवार ने अपने 3 बच्चों में से 2 को आसाराम के आश्रम में पढ़ने भेज दिया। 7 अगस्त, 2013 को आसाराम बाबू के आश्रम के हॉस्टल की वार्डन ने उस परिवार को फोन किया कि, आपकी बच्ची की तबियत खराब है और आपको तुरंत छिंदवाड़ा पहुंच जाना चाहिए।
एक दिन परिवार को आश्रम से आया फोन जब परिवार आश्रम पहुंचा तो पता चला कि उसकी बेटी को 7 अगस्त, 2013 को चक्कर आया था। हॉस्टल की वार्डन ने बताया कि उसकी बच्ची पर काला साया है, जिसे आसाराम ही दूर कर सकते हैं। परिवार को बताया गया कि बापू दिल्ली में है, लेकिन जब परिवार दिल्ली पहुंचा तो बापू वहां नहीं थे, फिर जानकारी मिली कि बापू जोधपुर में है सूचना मिलते ही परिवार तुरंत जोधपुर पहुंच गया। फिर 14 अगस्त को जोधपुर के हरिओम आश्रम में परिवार की मुलाकात आसाराम से होती है, इस मुलाकात के दौरान आसाराम ने परिवार को यकीन दिलाया कि, वो एक पूजा करेंगे जिसके बाद लड़की से बुरी शक्तियों का साया खत्म हो जायेगा। 15 अगस्त को लड़की और उसके माता-पिता बापू की कुटिया में गए। कुछ मंत्र पढ़ने के बाद माता-पिता को वापस भेज दिया गया। आसाराम की बात मानते हुए माता-पिता अपनी बेटी सौंपकर बाहर आकर भजन करने लगे। करीब एक घंटे के बाद लड़की कुटिया से बाहर आई, जो काफी परेशान लग रही थी और लगातार रो रही थी। मां के पूछने पर लड़की ने कहा उसे घर जाना है।
घर पहुंचते ही पीड़िता ने अपनी मां को बताया सारा सच जब पूरा परिवार 16 अगस्त को अपने घर लौटा तो लड़की ने हिम्मत करके अपनी मां को बताया कि, उस रात कुटिया में करीब एक घंटे के दौरान बाबा ने उसके साथ क्या किया था। लड़की ने बताया कि, उसे एक ग्लास दूध पिलाया गया। उसके बाद आसाराम बापू ने लड़की के साथ बदसलूकी करना शुरू किया। इस पूरे मामले में राजस्थान पुलिस ने 1300 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आसाराम पर यौन उत्पीड़न, रेप और एक नाबालिग को उसकी मर्जी के खिलाफ कैद में रखने जैसे आरोप लगाए गए थे। इस मामले में आसाराम के अलावा छिंदवाड़ा आश्रम की गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन शिल्पी और आसाराम के सहयोगियों शरद, प्रकाश और शिवा को साजिश में शामिल माना गया था।
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