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'एक देश, एक चुनाव' की बात करना विफलताओं को छिपाने का तरीका बन गया है : मृत्युंजय तिवारी

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पटना, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 'एक देश, एक चुनाव' और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) देश में जल्द लागू करने के संकेत दिए हैं। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

राजद प्रवक्ता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह देश अपने नियम, कानून और संविधान के अनुसार चलेगा। जब हम ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करते हैं, तो यह अक्सर अपनी उपलब्धियों या विफलताओं को छुपाने का एक तरीका बन जाता है। ऐसे समय में, सरकार नए-नए विवादित मुद्दों को उठाती है, जो ध्यान को मूल समस्याओं से हटा देते हैं। ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार कई बार विशेषज्ञों द्वारा चर्चा में आया है, और इसका धरातल पर कार्यान्वयन एक चुनौतीपूर्ण विषय है। अगर हम इस अवधारणा को ध्यान से देखें, तो स्पष्ट है कि इसे लागू करने के पीछे कई कारण हैं। इसकी ऐतिहासिकता और प्रासंगिकता को समझने के लिए हमें यह देखना होगा कि पहले यह क्यों लागू था और अब क्यों टूट गया है। क्या इसे फिर से लागू करने की कोई गारंटी है? क्या हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि यदि इसे लागू किया गया तो राजनीतिक परिदृश्य में कोई बदलाव नहीं आएगा?”

उन्होंने आगे कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि हम विवादित मुद्दों पर चर्चा करें और हमारी पार्टी इन मुद्दों के जवाब देने के लिए तैयार है। हम इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों का पालन करने पर जोर देंगे, ताकि जनता को सही जानकारी मिले और वे समझ सकें कि यह मुद्दा केवल एक राजनीतिक शिगूफा नहीं है। इसलिए, जब हम ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करते हैं, तो यह जरूरी है कि हम इसके व्यापक प्रभावों और इसकी संभावनाओं पर गंभीरता से विचार करें, न कि इसे एक राजनीतिक प्रचार के औजार के रूप में देखें।

पूर्व जदयू नेता आर.सी.पी. सिंह द्वारा नई पार्टी बनाने पर राजद ने कहा, “लोकतंत्र में चुनाव में पार्टी बनाने का अधिकार सबको है। वह पार्टी बना कर जनता के बीच जाएं। जनता किसे आशीर्वाद देती है यह तो समय बताएगा।”

--आईएएनएस

पीएसएम/एकेजे

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