मार्च के बाद से शुरू की गई सख्त कार्रवाई के परिणामस्वरूप, सात राज्यों के ड्रग रेगुलेटर्स ने 18 प्रमुख दवा कंपनियों की 27 दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल पाया है।
फेल दवाओं पर रोक लगाने वाली कंपनियां
इस सूची में अबॉट इंडिया, जीएसके इंडिया, सन फार्मा, सिप्ला और ग्लेनमार्क फार्मा जैसी कंपनियों की दवाएं शामिल हैं, जिनमें घटिया गुणवत्ता, गलत लेबलिंग, सामग्री की गलत मात्रा, डिसकलरेशन और नमी के निर्माण जैसी समस्याएं पाई गई हैं। इन कंपनियों का दवा बाजार में 47% से 92% तक का मार्केट शेयर है। हालांकि, इनमें से केवल दो कंपनियों ने अपनी फेल दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने का आश्वासन दिया है, जबकि एक कंपनी ने खराब दवाओं को वापस लेने का भी वादा किया है।
क्वालिटी टेस्ट में फेल दवाओं की सूची
क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई दवाओं में प्रमुख नाम शामिल हैं जैसे मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्टेमेटिल, अबॉट इंडिया की एंटीबायोटिक पेंटिड्स, एलेबिंक फार्मा की एंटी बैक्टीरियल एल्थ्रोसिन, कैडिला फार्मा की वासोग्रेन, ग्लेनमार्क फार्मा की प्रसिद्ध खांसी की दवा एस्कोरिल, कीड़े मारने वाली दवा जेंटल, अर्थराइटिस की दवा हाइड्राक्सीक्लोरोक्वाइन, मायोरिल और टोरेंट फार्मा की दिलजेम। इन दवाओं का परीक्षण महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गोआ, गुजरात, केरल और आंध्र प्रदेश के ड्रग रेगुलेटर्स ने किया है। इसके अलावा, 10 अन्य कंपनियों की दवाओं में भी कमियां पाई गई हैं, जिनमें एल्केम लैब्स, कैडिला हेल्थकेयर, सिप्ला, एमक्योर फार्मा, हिटेरो लैब, मोरफन लैब, मैकलाइड फार्मा, सन फार्मा, वोकहार्म फार्मा और जाइडस हेल्थकेयर शामिल हैं।
You may also like
आ गई AI गर्लफ्रेंड: करेगी सबकुछ, मगर शिकायत कुछ नहीं-पर पहले कीमत जान लो ⤙
सैफ अली खान के कैशलेस इलाज पर उठे सवाल, AMC ने IRDAI को लिखा पत्र
Uttar Pradesh: भाभी के साथ शादी कर किया दुष्कर्म, फिर पहली पत्नी के साथ ...
IPL 2025: Sai Sudharsan Leads Orange Cap Race, Prasidh Krishna Holds Purple Cap – Check Top 5 Lists
पोते के साथ भाग गई दादी, 52 साल की उम्र में रचाई तीसरी शादी, पहला पति बोला- हम लोगों को मारना चाहती थी ⤙