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गुड़ बनाम चीनी: स्वास्थ्य के लिए कौन बेहतर है?

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गुड़ और चीनी का स्वास्थ्य पर प्रभाव

गुड़ को स्वास्थ्य के लिए अमृत माना जाता है, जबकि चीनी को अक्सर सफेद ज़हर कहा जाता है। गुड़ खाने से शरीर में क्षार का निर्माण होता है, जो पाचन में सुधार करता है। इसके विपरीत, चीनी अम्लीय होती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। गुड़ को पचाने में 100 कैलोरी ऊर्जा लगती है, जबकि चीनी को पचाने में 500 कैलोरी खर्च होती हैं।


गुड़ के पोषक तत्व

गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और कॉपर जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। आंकड़ों के अनुसार, गुड़ में ब्राउन शुगर की तुलना में पांच गुना और सामान्य चीनी की तुलना में पचास गुना अधिक मिनरल्स होते हैं। यह शहद के समान न्यूट्रीशन वैल्यू प्रदान करता है।


गुड़ और चीनी की प्रक्रिया

चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस में 23 प्रकार के रसायनों का उपयोग किया जाता है, जबकि गुड़ केवल गन्ने के रस को गर्म करके बनाया जाता है। गुड़ का निर्माण प्राकृतिक तरीके से होता है, जिसमें कोई हानिकारक तत्व नहीं होते।


काकवी: गुड़ का एक बेहतर विकल्प

गुड़ से भी बेहतर एक पदार्थ है जिसे काकवी कहा जाता है। यह गन्ने के रस को गर्म करने पर बनने वाला एक तरल है, जो गुड़ से भी अधिक स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। काकवी को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और इसका मूल्य गुड़ के समान होता है।


चीनी का स्वास्थ्य पर प्रभाव

राजीव भाई ने हमेशा चीनी के सेवन को कम करने और गुड़ का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि चीनी के कारण कई गंभीर बीमारियाँ जैसे डायबिटीज और आर्थराइटिस बढ़ रही हैं। गुड़ की चाय पीने से स्वास्थ्य में सुधार होता है, जबकि चीनी की चाय से नुकसान होता है।


गुड़ की चाय और उसके प्रकार

गुड़ दो प्रकार का होता है: एक रासायनिक तत्वों से बना और दूसरा प्राकृतिक। रासायनिक गुड़ की चाय अक्सर फट जाती है, जबकि प्राकृतिक गुड़ की चाय कभी नहीं फटती।


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