Next Story
Newszop

सूर्य की कुंडली में स्थिति और जीवन पर प्रभाव

Send Push
सूर्य का महत्व और कुंडली में प्रभाव

सूर्य को ब्रह्मांड का सबसे शक्तिशाली ग्रह माना जाता है और ज्योतिष में इसे एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जब यह किसी की कुंडली में होता है, तो इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा पड़ता है। सूर्य की स्थिति हर भाव में अलग-अलग परिणाम देती है। यदि किसी की कुंडली में सूर्य दसवें भाव में है, तो उसके जीवन में मिश्रित परिणाम देखने को मिलते हैं। यह स्थिति व्यक्ति की आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, और सरकारी कार्यों में सफलता को प्रभावित करती है। इसके अलावा, यह व्यक्ति को रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच सम्मान दिलाने में भी मदद करती है।


कुंडली में सूर्य और बुध का प्रभाव

यदि किसी की कुंडली में सूर्य नौवें भाव में और बुध पांचवें भाव में है, तो वह व्यक्ति अपने 34 वर्ष की आयु तक आनंद का अनुभव करता है। हालांकि, इस स्थिति के परिणाम कभी-कभी नकारात्मक भी हो सकते हैं, जो जातक के जीवन को प्रभावित करते हैं।


इस प्रकार की स्थिति वाले व्यक्ति में संदेह की भावना बढ़ जाती है। यदि चौथे भाव में कोई ग्रह नहीं है, तो सरकारी कार्यों में सफलता प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति अक्सर निष्क्रिय रहता है और प्रयास नहीं करता, जिससे अनुकूल परिणाम नहीं मिलते। परिवार और मित्रों का सहयोग भी कम हो जाता है, खासकर भाई के साथ संघर्ष की स्थिति बन जाती है।


नकारात्मक परिणामों से निपटने के उपाय

इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। नियमित रूप से किसी नदी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करना चाहिए। मांसाहारी भोजन और मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। काले और नीले रंग के वस्त्रों का उपयोग कम से कम करना फायदेमंद होता है। चांदी का दान करना भी लाभकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा, गुस्से पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें और पुराने पीले बर्तनों का अधिक उपयोग करें।


Loving Newspoint? Download the app now