बेंगलुरु। कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु के बाहरी क्षेत्र में फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) के इनपुट के आधार पर 27 वर्षीय बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 15 वर्षों से भारत में हिंदू बनकर रह रही थी। इस महिला की पहचान रोनी बेगम के रूप में हुई है, जिसने अपना नाम पायल घोष रख लिया था और मंगलुरु के एक डिलीवरी एक्जीक्यूटिव नितिन कुमार से विवाह किया था।
भारत में प्रवेश और पहचान बदलना
महिला 12 साल की उम्र में भारत आई थी। पुलिस ने नितिन की तलाश शुरू कर दी है, जो फरार है। तीन महीने की खोज के बाद रोनी बेगम को पकड़ा गया। उसने मुंबई के एक डांस बार में डांसर के रूप में काम किया और अपने नाम को बदलकर पायल घोष रख लिया, यह दावा करते हुए कि वह एक बंगाली है।
जाली दस्तावेजों का मामला
रोनी बेगम को नितिन से प्यार हो गया और उन्होंने शादी कर ली। इसके बाद वे बेंगलुरु के अंजननगर में बस गए। रोनी ने दर्जी का काम किया। दंपति ने मुंबई में रहते हुए जाली पैन कार्ड बनवाने में सफलता पाई और नितिन ने बेंगलुरु में अपने मित्र की मदद से आधार कार्ड भी बनवाया।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
रोनी बेगम ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बांग्लादेश जाने का निर्णय लिया। कोलकाता पहुंचने पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसके पासपोर्ट पर संदेह जताया और उसे रोक लिया। बाद में यह पता चला कि वह एक अवैध अप्रवासी है। हालांकि, तब तक वह बेंगलुरु लौट चुकी थी। एफआरआरओ ने बेंगलुरु पुलिस को इस मामले की जानकारी दी। डीसीपी वेस्ट संजीव पाटिल ने कहा कि जाली दस्तावेज बनाने में मदद करने वालों की पहचान के लिए जांच जारी है।
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