शनि देव का महत्व
धन की प्राप्ति में शनि का प्रभाव शनि और धन की प्राप्ति
धन हानि के कारण कब होती है धन हानि?
धनदायक शनि के लक्षण कब बनते हैं शनि धनदायक?
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय शनिदेव को प्रसन्न करने के खास काम
घर और आसपास सफाई रखें।
मोहल्ले को गंदगी से मुक्त रखें।
गरीबों को काले चने, काले तिल, उड़द या काले कपड़े दान करें।
धूप से बचाने के लिए काले छाते दान करें।
किसी जरूरतमंद का फायदा न उठाएं।
किसी का अहित न करें।
पेड़ों और पौधों को नुकसान न पहुंचाएं।
पीपल के वृक्ष की सेवा करें।
मंत्र जाप: “ॐ शं शनैश्चराय नमः”।
छाया दान करें (तेल, वस्त्र आदि)।
धन प्राप्ति के उपाय धन प्राप्ति के 10 चमत्कारी उपाय
शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का दीपक जलाएं।
शनिदेव के तांत्रिक मंत्र का 108 बार जाप करें —
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”।
किसी निर्धन को सिक्कों का दान करें।
शनिवार सुबह पीपल में जल अर्पित करें।
शाम को पीपल के नीचे लोहे की कटोरी में एकमुखी दीपक जलाएं।
शनि चालीसा का पाठ करके गरीब को भोजन कराएं।
शनिवार को सात्विक रहें, मांस-मदिरा से दूर रहें।
हर महीने सरसों के तेल या काली दाल का दान करें।
एक लोहे का सिक्का काले कपड़े में बांधकर घर की अंधेरी जगह रखें।
दान करते समय घमंड न करें।
शनिदेव को वैदिक ज्योतिष में न्याय के देवता और कर्मफलदाता माना जाता है। ये मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। शनि के प्रभाव से व्यक्ति की स्थिति में बदलाव आ सकता है, जैसे राजा से रंक और रंक से राजा बनना। शनि की महादशा 19 वर्षों तक चलती है, और यदि यह अनुकूल हो, तो अपार धन और संपत्ति का वरदान दे सकती है, जबकि प्रतिकूल स्थिति में कष्ट और दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है।
धन की प्राप्ति में शनि का प्रभाव शनि और धन की प्राप्ति
- अनुकूल शनि → अच्छे कर्म और सही स्थिति में होने पर धन, वैभव और मान-सम्मान प्रदान करते हैं।
- प्रतिकूल शनि → साढ़ेसाती, ढैया या नीच स्थिति में धन हानि, कष्ट और आर्थिक संकट देते हैं।
- शनि का स्वभाव → कर्म का लेखा-जोखा रखते हैं और ईमानदार, मेहनती एवं सात्विक लोगों पर कृपा करते हैं।
धन हानि के कारण कब होती है धन हानि?
- कुंडली में शनि अशुभ भाव में हो।
- शनि नीच राशि में या सूर्य के साथ हो।
- प्रतिकूल साढ़ेसाती या ढैया का समय हो।
- बिना सही परामर्श के नीलम धारण करना।
- अशुद्ध आचरण और पापकर्म करना।
धनदायक शनि के लक्षण कब बनते हैं शनि धनदायक?
- शनि अनुकूल होकर तीसरे, छठे या एकादश भाव में हो।
- शनि उच्च राशि का हो या अपने घर में स्थित हो।
- शुभ योग के साथ महादशा, साढ़ेसाती या ढैया में भी धन लाभ दे सकते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय शनिदेव को प्रसन्न करने के खास काम
धन प्राप्ति के उपाय धन प्राप्ति के 10 चमत्कारी उपाय
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”।
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